चिंता का विषय : वृक्षों के कटान में भारत दूसरे पायदान पर, बच्चों को भी बुरी तरह प्रभावित कर रही है सांस की बीमारी
पर्यावरणविद व रक्षासूत्र आंदोलन के सूत्रधार सुरेश चौधरी को मिला, "बदलाव के पुरोधा 2024" के रूप में सम्मान
ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक
बडौत। नगर के सुभाष नगर कालोनी में एनवायरमेंट एंड सोशल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (एस्रो) के कैंप कार्यालय पर संस्था का 11 वा वार्षिकोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रीतम सिंह वर्मा ने की तथा संचालन संस्था के सचिव देवेंद्र फोगाट ने किया ।मुख्य अतिथि सुरेश चौधरी को संस्था की ओर से उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यावरणविद और रक्षा सूत्र आंदोलन के सूत्रधार सुरेश चौधरी को सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान मध्य हिमालय में 12 लाख पेड़ कटने से बचाने हेतु दिया गया।
संस्था की ओर से 11 वें "बदलाव के पुरोधा सम्मान 2024" से अलंकृत सुरेश चौधरी ने कहा कि, हिमालय क्षेत्र में तापमान का बढना और ग्लेशियरों का पिंघलना तथा नदियों को प्रदूषित किया जाना चिंता का विषय है।
इस अवसर पर 11 वा "पर्यावरण प्रहरी सम्मान 2024" से मुकेश चौधरी (बड़ौत), श्रीमती परवीन इत्तन (दिल्ली), पुनीत कुमार (मेरठ) और श्रीमती यशपाली देवी (मेरठ) को, उनके द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए ,सम्मानित किया गया। वहीं "बाल प्रतिभा सम्मान 2024" के लिए 12 विद्यालयों से आए 36 विद्यार्थियों को दिया गया ,साथ ही सभी अतिथियों ने नव वर्ष 2025 के कैलेंडर का अनावरण भी किया।
इस अवसर पर पर्यावरणविद सुरेश चोधरी ने कहां कि ,आज संपूर्ण विश्व जलवायु परिवर्तन से बुरी तरह से प्रभावित है, इससे अछूता हिमालय भी नहीं रहा। आज के परिदृश्य में देश में दो स्थितियों विकराल रूप धारण करती जा रही है ,पहली हिमालय में तापमान बढ़ने से ग्लेशियरों का तेजी से पिघलना और दूसरी मैदानी क्षेत्रों में नदियों को प्रदूषित करना, मगर समाज और व्यवस्थाएं गहरी नींद में सोने का नाटक कर रही हैं । अगर इन दोनों स्थितियों पर कार्य नहीं किया गया ,तो देश पानी के गंभीर संकट से जूझेगा। कहा,राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता का हाल चिंताजनक है, सुप्रीम कोर्ट से लेकर शीर्ष नेतृत्व चिंतित तो नजर आ रहे हैं, मगर हल किसी के पास नजर नहीं आ रहा है। चिंताजनक यह है कि, छोटे छोटे मासूम बच्चे सांस की बीमारी से ग्रसित हैं, मगर हम विकास के नाम पर पेड़ो को काटने से परहेज नहीं कर रहे है। हम पेड़ो के कटान के मामले में विश्व में दूसरे पायदान पर हैं।
इस अवसर पर संस्था के निदेशक संजय राणा ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव एवं आपदा पर एक अध्ययन यात्रा की रिपोर्ट सब के सामने रखते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ता तापमान चिंताजनक है, अगर समाज इस तापमान को कम रखना चाहता है तो धरती की हरियाली वापस लानी होगी।प्रीतम सिंह वर्मा ने छात्रों को आह्वान किया कि उन्हें जीवन में सफल होना है ,तो अनुशासित होना होगा।देशवीर नैन, डॉ सतेंद्र तोमर, राजेंद्र आर्य, ओमप्रकाश मलिक, ओंकार तोमर, राजकुमार आर्य, राजीव चौधरी, श्रीमती सुषमा रानी, वर्षा चौधरी, शानवी पांडेय, अवनी सैनी, शिवानी, कार्तिक, तुलसी, राशि गुप्ता, रौनक तोमर, पलक त्यागी, राखी तोमर, समावल कुरैशी, मानसी, वीरा जैन, रूबी शर्मा, अंजली, सुमन त्यागी आदि शामिल रहे।