निरपुडा में महिला आर्य समाज का दो दिवसीय शिविर संपन्न,वेद ही ज्ञान का एकमात्र स्रोत: स्वामी शिवानंद सरस्वती

••जापान से आई महिला स्वामिनी सिद्धि ने दावा किया कि,आर्य समाज के विचारों से विश्वशांति संभव

निरपुडा में महिला आर्य समाज का दो दिवसीय शिविर संपन्न,वेद ही ज्ञान का एकमात्र स्रोत: स्वामी शिवानंद सरस्वती

संवाददाता आशीष चंद्रमौलि

बडौत। महिला आर्य समाज निरपुडा का दो दिवसीय वार्षिकोत्सव यज्ञ, भजन एवं प्रवचन के साथ हर्षोल्लास पूर्वक संपन्न हो गया।वहीं स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि, संसार में ज्ञान का एकमात्र स्रोत वेद है। आर्य समाज की विचारधारा को जिस व्यक्ति ने निष्पक्ष भाव से सुना और पढ़ा, वह महर्षि दयानंद के विचारों से प्रभावित हुआ। मानवता का कल्याण करना ही सबसे बड़ा धर्म है।कहा कि, आर्य समाज, सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध सच्चा रास्ता दिखाने वाली संस्था है। महिलाओं को वैदिक सिद्धांतों को अपनाकर अच्छी संतान का निर्माण करना चाहिए, तभी राष्ट्र अच्छी दिशा में जाएगा। 

सम्मेलन में महिला आर्य समाज की अध्यक्षा सविता आर्या ने कहा, बेटियों को संस्कारित करने से ही राष्ट्र उत्थान हो सकता है। बच्चों को संस्कारित करने की आर्य समाज ही एकमात्र कार्यशाला है।जिला आर्य प्रतिनिधि सभा बागपत के मंत्री रवि शास्त्री ने बेटे और बेटियों के सर्वांगीण विकास के लिए जून माह में आयोजित होने वाले आवासीय शिविर के लिएआह्वान किया।

इस दौरान विशेष रूप से जापान से आई महिला स्वामिनी सिद्धि ने यज्ञ में भाग लिया और कहा कि ,भारतीय संस्कृति बहुत विशाल है। मैं आर्य समाज से बहुत प्रभावित हूं। आर्य समाज के विचारों से ही विश्व में शांति संभव है। आज आर्य समाज की पूरे विश्व को आवश्यकता है।यज्ञ में बैठने से मुझे शांति मिलती है। 

इस अवसर पर सत्यवती आर्या, राजेश उज्ज्वल, मीनाक्षी सिसोदिया, नीतू सोलंकी, कविता चिकारा, गीता तोमर, पिंकी तोमर, पायल तोमर, रूपा देवी, वंदना, खुशी, मीनाक्षी राणा, दिनेश आर्या, मनीषा, अंजू वेदवान, प्रेम सिंह , प्रोफेसर सुरेंद्र पाल,कपिल आर्य, राजेंद्र भजनी, डॉ भोपाल, योगाचार्य मुकेश , अमरपाल, मास्टर नरेंद्र, यशवीर आर्य आदि उपस्थित रहे।