पुलिस का खेला दोषियों को बचाकर पत्रकार को किया गिरफ्तार

कोर्ट में होनी थी सुनवाई उससे पहले ही किया गिरफ्तार

पुलिस का खेला दोषियों को बचाकर पत्रकार को किया गिरफ्तार

पुलिस का खेला दोषियों को बचाकर पत्रकार को किया गिरफ्तार

थानाभवन- पुलिस ने रंजिशन पत्रकार को झूठे मुकदमे में गिरफ्तार कर लिया। जबकि नामजद दो अभियुक्त को मुकदमे से बाहर कर दिया। चर्चा है कि पुलिस ने फील गुड कर दो उपयुक्त को बचाया है। जबकि रंजिश मे पत्रकार को जेल भेजने की तैयारी में है।

शामली के थानाभवन में एक युवती ने अस्पताल संचालक डॉ नदीम डॉक्टर गय्यूर और मुजम्मिल पर यह कहते हुए दुष्कर्म का आरोप लगाया था की डॉक्टर नदीम ने उसकी नहाते वक्त वीडियो बना ली थी और उससे दुष्कर्म किया है। वही मुजम्मिल और गय्यूर पर भी पीड़िता ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। न्यायालय में दिए गए बयान में भी दुष्कर्म पीड़िता ने डॉक्टर नदीम एवं डॉक्टर गय्यूर के साथ-साथ पत्रकार फरमान एवं अन्य व्यक्ति इफ्तखार व मरगूब नाम के व्यक्ति पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। लेकिन पुलिस ने नामजद आरोपी गय्यूर एवं मुजम्मिल का नाम मुकदमे से बाहर निकाल दिया। जबकि न्यायालय के सामने दिए गए बयान में तथाकथित आरोपी फ़रमान पत्रकार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। फरमान के परिजनों ने बताया कि वह रिश्तेदारी में मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में गया हुआ था और रोजा खोल रहा था तभी कुछ पुलिस कर्मचारी कुछ शादी वर्दी और कुछ पुलिस वर्दी में थे। अचानक घर में घुस गए और फरमान को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गए। उन्हें फरमान पत्रकार के साथ अनहोनी की आशंका है।

कोर्ट में होनी थी सुनवाई उससे पहले ही किया गिरफ्तार

पत्रकार ने करना कोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल डाली थी। जिसमें बृहस्पतिवार के दिन सुनवाई हुई थी और 11 मार्च की तारीख लगी थी जबकि पुलिस ने एंटीसिपेटरी बैल के फैसले आने से पहले ही पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया लोगों में चर्चा है कि पुलिस नाम जड़ आरोपियों को बचाने में लगी है लेकिन स्थानीय रणजी एवं फील गुड के कारण पत्रकार को जेल भेज रही है।

पत्रकार को झूठा फंसाए जाने पर आक्रोश

मामले में पत्रकार को झूठा फसाये जाने पर जनपद शामली मुजफ्फरनगर और सहारनपुर सहित उत्तर प्रदेश के पत्रकार मुख्यमंत्री एवं जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक से थानाभवन पुलिस के अलावा अन्य उच्च अधिकारी से जांच करा न्याय की मांग कर रहे थे। आश्वासन भी मिला था, लेकिन उसके बावजूद भी नामजद आरोपितों को बचाते हुए पुलिस पत्रकार के पीछे पड़ी थी। पत्रकार को झूठा फसाए जाने को लेकर पत्रकारों में आक्रोश है। पत्रकारों का कहना है कि वह न्याय के लिए सड़कों पर उतरेंगे और न्यायालय की शरण में जाएंगे और अन्य के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।

पुलिस का अजब खेला फीलगुड़ की चर्चा

थानाभवन थाने पर मुकदमा अपराध संख्या 23 /25 लिखा गया था जिसमें पुलिस ने जांच करते हुए एफआईआर में नामजद मुजम्मिल एवं गय्यूर का नाम बाहर कर दिया जबकि पीड़िता ने न्यायालय में गय्यूर पर डॉ नदीम के अस्पताल में ही दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। वहीं पुलिस का कहना है कि पत्रकार का नाम न्यायालय में दुष्कर्म करने को लेकर पीड़ित ने लिया है। जब न्यायालय में नाम लेने पर पत्रकार को दोषी ठहराया जा रहा है तो उक्त नाम जद अभियुक्त गय्यूर व मुजम्मिल को पुलिस ने मुकदमे से बाहर किस आधार पर कर दिया चर्चा है। पुलिस पत्रकार से खबरें प्रकाशित करने से नाराज होने के कारण रंजिश के चलते गिरफ्तार कर जेल भेजने की तैयारी में है।