माता-पिता की इच्छा पूरी करने के लिए श्रवण कुमार बने ये आठ भाई
त्रेता युग के श्रवण कुमार की कहानी तो सुनी ही होगी, लेकिन हम यहां कहानी बता रहे हैं कलयुग के आठ श्रवण कुमार की। बात सुनने में अजीब जरूर लगेगी, लेकिन यह सच है। मैनपुरी जिले के कस्बा करहल इकहरा गांव के रहने वाले आठ बेटे माता-पिता को कंधे पर बैठाकर कासगंज के लहरा गंगा घाट पर पहुंचे। रामायण में अयोध्या कांड में एक श्रवण कुमार की कथा का वर्णन मिलता है, लेकिन कलयुग में सावन के महीने में एक नहीं आठ श्रवण कुमार साक्षत देखने को मिले। आठ बेटे मैनपरी से एक साथ अपने माता-पिता को कांवड़ में बिठाकर गंगा स्नान कराने के लिए लहरा गंगा घाट पहुंचे। जहां आज के समय में बेटे अपने मां-बाप को बोझ समझकर वृद्धा आश्रम भेज देते हैं, वहीं इन बेटों का ये सेवा भाव देखकर लोग तारीफ किए बिना खुद को नहीं रोक सके।