मिट्टी खनन माफियाओं का बोलबाला रात्रि में करते हैं खनन

संबंधित विभाग एवं पुलिस संरक्षण मिलने की लोगों में चर्चा

मिट्टी खनन माफियाओं का बोलबाला रात्रि में करते हैं खनन

मिट्टी खनन माफियाओं का बोलबाला रात्रि में करते हैं खनन

संबंधित विभाग एवं पुलिस संरक्षण मिलने की लोगों में चर्चा

पर्यावरण को पहुंचा रहे हैं गंभीर नुकसान

अवैध खनन वाहनों से हो चुकी है कई मौत

थानाभवन- क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन माफियाओं का बोलबाला है रात्रि में जेसीबी एवं पोकलेन व मिट्टी खनन की मशीनों से बड़ी मात्रा में खनन किया जाता है। पिछले काफी समय से खनन क्षेत्र में बदस्तूर जारी है। खनन करके ले जाते वाहनों की चपेट में आने से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। वहीं पर्यावरण को भी मिट्टी खनन माफिया गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं।

किसान के खेत से मिट्टी खनन माफिया बड़ी मात्रा में रात्रि के दौरान जेसीबी मशीन पोकलेन एवं खनन करने की मशीन से सैकड़ो की संख्या में ट्रैक्टर ट्राली लगाकर खनन कर रहे हैं और यह सिलसिला पिछले कुछ वर्षों से लगातार चल रहा है। थाना भवन क्षेत्र का आसपास का जंगल का इलाका अब मिट्टी खनन के कारण बड़े-बड़े गहरे गड्डो में तब्दील हो गया है। कई जगह मिट्टी खनन माफियाओं ने 6 फीट से भी काफी अधिक गहराई तक खेतों से मिट्टी को उठाया है। जिससे पड़ोसी किसान को मिट्टी कटाव का नुकसान एवं मिट्टी की उर्वरक क्षमता में कमी हो रही है। मिटी के खनिज तत्वों में कमी आ रही है।जीव जंतुओं का चक्र बिगड़ रहा है जिससे पर्यावरण संतुलित हो रहा हैं। किसान को खेत से मिट्टी बेचने का लालच देकर मिट्टी खनन माफिया किसान के खेतों से लगातार बड़ी संख्या में मिट्टी का खनन कर रहे हैं। जबकि किसानों को उसकी मिट्टी का ना के बराबर ही दम दिया जाता है। वही मिट्टी खनन माफिया मात्र छोटी सी एक ट्राली को ₹1500 से ₹2000 के बीच लोगों को बेच रहे हैं। सड़क पर दिन हो या रात बिना रोक-टोक मिट्टी से भरी ट्रैक्टर ट्रालियां दौड़ रही हैं। जहां मिट्टी खनन में ऐसे वाहनों का इस्तेमाल होता है जिन्हें ज्यादातर नाबालिक चालक चलाते हुए दिखाई दे जाएंगे। वहीं ऐसे वाहन जिनके सही कागज भी उपलब्ध नहीं है ना ही नंबर की जानकारी हैं। ऐसे वाहनों से क्षेत्र में मिट्टी खनन के दौरान कई लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन आज तक मिट्टी खनन माफियाओं पर ना ही तो पर्यावरण विभाग खनन विभाग के अधिकारियों ओर ना ही पुलिस द्वारा कोई कड़ी कार्रवाई की गई है। रात्रि के दौरान थानाभवन क्षेत्र के मुल्लापुर के जंगलों से अवैध मिट्टी खनन करने की वीडियो तस्वीर भी इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रही है। जिससे लोगों में चर्चा है कि अवैध मिट्टी खनन माफिया को संबंधित खनन विभाग एवं स्थानीय पुलिस के किसी पुलिसिया ठेकेदार का संरक्षण प्राप्त है। जिसके कारण बेरोटोक क्षेत्र में मिट्टी खनन किया जा रहा है। मिट्टी खनन के कारण जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है वही क्षेत्र के किसानों को भी इसका नुकसान भुगतना पड़ता है, लेकिन किसान अभी इसके नुकसान के दूरगामी परिणाम से अनजान है इसका खामियांजा किसान को भविष्य में भुगतना पड़ेगा।

मिट्टी खनन से कई नुकसान होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नुकसान हैं:

- पर्यावरणीय नुकसान- मिट्टी खनन से पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचता है, जैसे कि वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं के आवासों का विनाश, जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण और मिट्टी का अपरदन।

- आर्थिक नुकसान-मिट्टी खनन से सरकार को राजस्व की हानि होती है, क्योंकि इससे खनिज संसाधनों का अवैध निर्यात होता है।

- सामाजिक नुकसान- मिट्टी खनन से स्थानीय समुदायों व किसानों को भी नुकसान पहुंचता है, जैसे कि उनके घरों और खेतों का विनाश, स्वास्थ्य समस्याएं और जीवनशैली में बदलाव।

- जल संकट - मिट्टी खनन से जल स्रोतों का विनाश होता है, जिससे जल संकट की समस्या उत्पन्न होती है।

- भूमि धंसाव - मिट्टी खनन से भूमि धंसाव की समस्या उत्पन्न होती है, जिससे भवनों और सड़कों को नुकसान पहुंचता है।