नलकूपों पर मीटर लगाने के विरोध में बिजलीघर पर प्रदर्शन
मीटर लगाने पर दी बडे आंदोलन की चेतावनी, ज्ञापन सौंपा
गढीपुख्ता। विद्युत विभाग द्वारा नलकूपों पर मीटर लगाए जाने के विरोध में भारी संख्या में किसानों ने शुक्रवार को कस्बा स्थित बिजलीघर पर धरना प्रदर्शन किया। किसानों ने नलकूपों पर लगाए गए मीटरों को भी उखाडकर बिजलीघर पर जमा करा दिए। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि नलकूपों पर मीटर लगाने का प्रयास किया गया तो वे बडा आंदोलन करेंगे। इस मौके पर थाना प्रभारी को एक ज्ञापन भी सौंपा गया।
जानकारी के अनुसार बिजली विभाग द्वारा किसानों के नलकूपों पर लगाए जा रहे मीटरों के विरोध में शुक्रवार को क्षेत्र के सैंकडों किसानों ने गढीपुख्ता बिजलीघर पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसान यूनियन के मंत्री रण कुमार के नेतृत्व में आयोजित धरना प्रदर्शन में किसानों ने विद्युत कर्मचारियों पर किसानों से मारपीट व अभद्रता के आरोप भी लगाए। किसानों ने कहा कि चीनी मिलें किसानों के बकाया गन्ने का भुगतान नहीे कर रही है जिसके चलते उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। वहीं विद्युत विभाग भी किसानों का उत्पीडन करने पर तुला हुआ है। विद्युत विभाग के कर्मचारी किसानों को बिना बताए उनके नलकूपों पर मीटर लगाने का काम कर रहे हैं, जब कोई किसान इसका विरोध करता है तो बिजली कर्मचारी उसके साथ मारपीट करते हैं। गढीपुख्ता के एक किसान देवेन्द्र उपाध्याय के साथ भी मारपीट की गयी जिससे उत्तेजित होकर किसानों ने नलकूपों पर लगाए गए विद्युत मीटरों को उखाडकर बिजलीघर में जमा करा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विद्युत कर्मचारियों द्वारा एक नलकूप के स्टार्टर को भी फूंक दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि किसानों को आधे दाम पर बिजली मिलेगी लेकिन यह सब हवा हवाई निकला। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनके नलकूपों पर विद्युत मीटर लगाने का प्रयास किया गया तो वे बडा आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे और दीपावली का पर्व भी नहीं मनाएंगे। इस मौके पर बिजलीघर के अधिशासी अभियंता व एसडीओ को संबोधित एक ज्ञापन थाना प्रभारी गढीपुख्ता को सौंपकर मीटर लगवाए जाने का काम रुकवाने की मांग की। इस मौके पर रण कुमार, प्रवीण, जयपाल सिंह, रमेशपाल, देवेन्द्र सिंह, अनिल, नरेन्द्र, नरेन्द्र सिंह, रोहताश सिंह, मोनू चौधरी, अंकुज चौधरी, रवि कुमार, कृष्णपाल, देवेन्द्र, अशोक, सुशील, सहेन्द्र सिंह, बिजेन्द्र सिंह, राजा, गौरव, धर्मेन्द्र सिंह, फूलगिरी, जगबीर सिंह, अनिल, सुशील, बाबूराम आदि सहित सैंकडों किसान मौजूद रहे।