चिकित्सकों पर इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने का आरोप

बच्चे की हालत फिर भी बनी हुई है गंभीर, दूसरे अस्पतालों ने नहीं किया भर्ती
किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा प्रदर्शन
वसूली गई रकम वापस मिलने पर शांत हुआ मामला
किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा प्रदर्शन
वसूली गई रकम वापस मिलने पर शांत हुआ मामला
जलालाबाद। कस्बे के एक अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा मरीज का सही उपचार न करने व मोटी रकम वसूलने का आरोप लगाते हुए हंगामा खडा हो गया। मरीज के परिजनों की सूचना पर पहुंचे किसान मजदूर संगठन के पदाधिकारियों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा। बाद में अस्पताल के चिकित्सक ने मरीज के परिजनों को वसूली गयी रकम को वापस लौटा दिया जिसके बाद हंगामा शांत हुआ।
जानकारी के अनुसार कस्बा स्थित एक अस्पताल में मंगलवार की रात किसान मजदूर संगठन के दर्जनों कार्यकर्ताआंे ने पहुंचकर मरीजों से मोटी रकम वसूलने के बाद भी मरीज का सही उपचार न करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। जलालाबाद निवासी शोभा ने बताया कि उनके पुत्र हरिओम को कुछ समय से बुखार था जिसके चलते वह पुत्र को अस्पताल लेकर आयी थी। चिकित्सकों ने बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए उसे तुरंत भर्ती करने को कहा था। 26 अक्तूबर को उसने अपने पुत्र को अस्पताल में भर्ती करा दिया। महिला का आरोप है कि चिकित्सकों ने जांच के बाद बच्चे की प्लेटलेटस कम होना, इंफेक्शन होने की बात कहते हुए उपचार शुरू कर दिया लेकिन कभी बच्चे की हालत ठीक तो कभी गंभीर बताकर उनसे पैसा वसूलते रहे और दो दिन पूर्व बच्चे की हालत ठीक बताते हुए उनसे और रकम वसूलकर बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी लेकिन घर जाते ही उसके बच्चे की हालत फिर खराब हो गयी। जब परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सकों से इस संबंध में बताया तो उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। दूसरे अस्पतालों ने भी बच्चे की हालत गंभीर देखते हुए भर्ती करने से इंकार कर दिया जिसके बाद उसने किसान मजदूर संगठन के पदाधिकारियों से मदद की गुहार लगायी। संगठन के कार्यकर्ताआंे के हंगामे के बाद अस्पताल के डाक्टर ने माफी मांगते हुए पीडित परिवार को वसूली गई रकम लौटा दी जिसके बाद हंगामा शांत हुआ।
जानकारी के अनुसार कस्बा स्थित एक अस्पताल में मंगलवार की रात किसान मजदूर संगठन के दर्जनों कार्यकर्ताआंे ने पहुंचकर मरीजों से मोटी रकम वसूलने के बाद भी मरीज का सही उपचार न करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। जलालाबाद निवासी शोभा ने बताया कि उनके पुत्र हरिओम को कुछ समय से बुखार था जिसके चलते वह पुत्र को अस्पताल लेकर आयी थी। चिकित्सकों ने बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए उसे तुरंत भर्ती करने को कहा था। 26 अक्तूबर को उसने अपने पुत्र को अस्पताल में भर्ती करा दिया। महिला का आरोप है कि चिकित्सकों ने जांच के बाद बच्चे की प्लेटलेटस कम होना, इंफेक्शन होने की बात कहते हुए उपचार शुरू कर दिया लेकिन कभी बच्चे की हालत ठीक तो कभी गंभीर बताकर उनसे पैसा वसूलते रहे और दो दिन पूर्व बच्चे की हालत ठीक बताते हुए उनसे और रकम वसूलकर बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी लेकिन घर जाते ही उसके बच्चे की हालत फिर खराब हो गयी। जब परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सकों से इस संबंध में बताया तो उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। दूसरे अस्पतालों ने भी बच्चे की हालत गंभीर देखते हुए भर्ती करने से इंकार कर दिया जिसके बाद उसने किसान मजदूर संगठन के पदाधिकारियों से मदद की गुहार लगायी। संगठन के कार्यकर्ताआंे के हंगामे के बाद अस्पताल के डाक्टर ने माफी मांगते हुए पीडित परिवार को वसूली गई रकम लौटा दी जिसके बाद हंगामा शांत हुआ।