प्रतियोगी परीक्षाओं के सफलता के बाद ग्रामोदय विश्वविद्यालय में अब कैंपस सिलेक्शन का दौर

प्रतियोगी परीक्षाओं के सफलता के बाद ग्रामोदय विश्वविद्यालय में अब कैंपस सिलेक्शन का दौर

चित्रकूट: महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के नियमित छात्रों के विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन का सिलसिला अभी थमा नहीं था कि शुक्रवार से कैम्पस सिलेक्शन के लिए विभिन्न कंपनियों के अधिकारियों के आगमन का दौर और छात्र चयन का सिलसिला प्रारंभ हो गया।

आज समाज कार्य विभाग की परास्नातक की छात्राओं के लिए एच सी एल कंपनी के लखनऊ क्षेेत्रिय केंद्र द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी समुदाय में विभिन्न आयामों पर कार्य करने के लिए फील्ड ऑफिसर्स के चयन का प्रथम चरण संपन्न हुआ। जिसमें एचसीएल के सेक्टर लीडर संजय शुक्ला, एसोसिएट सेक्टर लीडर कौशिक दास, एसोसिएट प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर पीयूष कुमार और सीनियर ब्लॉक कोऑर्डिनेटर उषा यादव ने छात्राओं के साक्षात्कार लिए। छात्राओं की प्रतिभा और प्रस्तुतीकरण को एच सी एल के अधिकारियों ने सराहा। सौजन्य भेंट में कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की बात हो, कैंपस सेलेक्शन हो या फिर विज्ञापित पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया। ग्रामोदय के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। साथ ही विभिन्न कंपनियों के मानको पर भी विश्वविद्यालय के छात्र खरे उतरे है। इस विश्वविद्यालय का एजुकेशन उपरांत एम्प्लॉयमेंट रेसीओ बहुत ही उत्साहजनक है।

ग्रामोदय विश्वविद्यालय की ओर से कैंपस चयन का सम्मनवयन करने वाले समाज कार्य के  प्राध्यापक डॉ अजय आर चैरे ने बताया कि कैंपस सिलेक्शन प्रक्रिया में 12 छात्राओं ने भाग लिया। यह सेलेक्शन ड्राइव केवल छात्राओं के लिए थी।

डॉ चैरे ने बताया कि अगले कुछ सप्ताह में एस एस फाउंडेशन और उत्तर प्रदेश एस एल आर एम की टीमों का भी विश्वविद्यालय प्रवास विद्यार्थियों के कैंपस सिलेक्शन के लिए प्रस्तावित है। उल्लेखनीय है कि हीरो मोटो कार में नौकरी के लिए प्रथम चक्र की ऑनलाइन प्रक्रिया में भी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भाग ले रहे। जिसके अगले चरण में सिलेक्शन की प्रक्रिया होगी। कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो नंदलाल मिश्र ने छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ग्रामोदय की शिक्षा का एक महत्वपूर्ण आयाम रोजगार अवसर के लिए कौशल सृजन है। विगत कुछ समय से इस दिशा में जो नियमित प्रयास चल रहे हैं, उनका स्पष्ट प्रभाव विद्यार्थियों की रोजगार संभावनाओं में अभिवृद्धि के रूप में दिख रहा है। ज्ञातव्य है कि विश्वविद्यालय में छात्रों के रोजगार के लिए ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट की एक पृथक इकाई पृथक से कार्यरत है।