संघ प्रमुख के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज, धार्मिक भावनाएं आहत करने का लगा है आरोप

हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को सही मानते हुए कहा कि याची ने अपने परिवाद में अपनी तथा समाज के बड़े तबके की भावनाएं आहत होने, राष्ट्रद्रोह का अपराध होने और कार्रवाई न होने पर हिंसक संघर्ष होने की आशंका जताई है।

संघ प्रमुख के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज, धार्मिक भावनाएं आहत करने का लगा है आरोप

भगवान बुद्ध के अनुयायियों और सम्राट अशोक के खिलाफ कथित टिप्पणी के आरोपों को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत तीन के खिलाफ दाखिल याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने खारिज कर दिया है।


 
अपना फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता की एकल पीठ ने कहा कि याची ने मात्र लोकप्रियता पाने के लिए परिवाद दाखिल किया। यह याचिका ब्रहमेंद्र प्रताप सिंह मौर्या ने दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को सही मानते हुए कहा कि याची ने अपने परिवाद में अपनी तथा समाज के बड़े तबके की भावनाएं आहत होने, राष्ट्रद्रोह का अपराध होने और कार्रवाई न होने पर हिंसक संघर्ष होने की आशंका जताई है। लेकिन ऐसी परिस्थिति में बिना सक्षम प्राधिकारी द्वारा अभियोजन स्वीकृति लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। इसके पूर्व इस मामले में दाखिल परिवाद निचली अदालत में भी खारिज हो चुका है।