कांग्रेस का विधान सभा घेराव: कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प,कई नेता नजरबंद

कांग्रेस का विधान सभा घेराव: कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प,कई नेता नजरबंद

उन्नाव: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के आह्वान पर बुधवार को विधानसभा का घेराव करने निकले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने जगह-जगह रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की। कई नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया, जबकि कुछ लखनऊ जाने में सफल रहे।

उन्नाव के बड़ा चौराहा पर पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोका, जिसके बाद कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई। गुस्साए कांग्रेसियों ने वहीं धरना देते हुए सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान कांग्रेस दिव्यांग प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव तन्मय श्रीवास्तव और किला चौकी इंचार्ज के बीच बहस हो गई।

कांग्रेसी नेता घरों में नजर बंद

प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन को विफल करने के लिए जिले के कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया। इसमें निवर्तमान जिला महासचिव सरोज भारती, असोहा ब्लॉक अध्यक्ष मुन्नूलाल रावत, और महिला जिला अध्यक्ष मधु रावत समेत अन्य नेता शामिल थे।

टोल प्लाजा पर शख्ती

लखनऊ-कानपुर हाईवे के नवाबगंज टोल प्लाजा पर हर आने-जाने वाले की सघन चेकिंग की गई। कांग्रेस एससी-एसटी प्रकोष्ठ के नेता रामकिशोर रावत, मोहम्मद सलीम खान, और प्रदीप सिंह राठौर को पुलिस ने अजगैन थाने में बैठा लिया।

कांग्रेसी नेताओं की प्रतिक्रिया

कांग्रेस के निवर्तमान जिला उपाध्यक्ष आशीष त्रिपाठी और कृष्णपाल यादव ने प्रशासन की कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताते हुए इसकी निंदा की। अधिवक्ता सरोज भारती ने कहा, "यह सरकार की तानाशाही है। लोकतंत्र में विरोध का अधिकार छीना जा रहा है।"

निगाह बचाकर कुछ नेता पहुंचे लखनऊ

प्रशासन की सख्ती के बावजूद जंगबहादुर सिंह और कुछ अन्य नेता लखनऊ पहुंचने में सफल रहे। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वे हर हाल में सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध जारी रखेंगे।