कीचड़ भरे रास्ते से शव यात्रा ले जाने को मजबूर

ग्राम पंचायत में नहीं उठाए अंत्येष्टि स्थल सुधार के कोई कदम

कीचड़ भरे रास्ते से शव यात्रा ले जाने को मजबूर

कीचड़ भरे रास्ते से शव यात्रा ले जाने को मजबूर

- ग्राम पंचायत में नहीं उठाए अंत्येष्टि स्थल सुधार के कोई कदम

- तस्वीरें और वीडियो हुई वायरल

थानाभवन- बीमारी के कारण महिला की मौत हो जाने के बाद बरसात के मौसम में महिला का एक दिन तक अंतिम संस्कार नहीं हो सका। बमुश्किल अगले दिन कीचड़ भरे रास्ते से महिला के शव को श्मशान तक ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया। जबकि कीचड़ भरे रास्ते से शव ले जाने और खुले आसमान में अंतिम संस्कार करने के फोटो और वीडियो अब वायरल हो रहे हैं।

बीमारी के कारण महिला की मौत हो जाने के बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को 1 दिन का इंतजार करना पड़ा। शव को कीचड़ भरे रास्ते से ले जाने व खुले आसमान के नीचे बरसात में अंतिम संस्कार करने की वीडियो और फोटो वायरल होने पर मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। वर्षों पहले भी ऐसी तस्वीरें वायरल हुई थी। लोगो मे चर्चा है कि मुस्लिम बाहुल गांव में अनुसूचित जाति के लोग उपेक्षा का शिकार हो रहे है।

गांव गांव तक विकास का दम भरने वाली सरकार के दावों की हकीकत कुछ चंद तस्वीरें और वीडियो बयां कर रही हैं। मामला शामली जनपद के थानाभवन ब्लॉक के गांव भैसानी इस्लामपुर का है। एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है जानकारी के अनुसार वायरल वीडियो और तस्वीरें गांव भैसानी इस्लामपुर की बताई जा रही हैं। जिसमें कुछ लोग कीचड़ भरे रास्ते से एक शव को ले जाते दिखाई दे रहे हैं। वही बरसात होने के कारण खुले में ही अंतिम संस्कार करते हुए कुछ लोग दिखाई दे रहे हैं। जब इस मामले की पड़ताल की गई तो जानकारी मिली कि गांव भैसानी इस्लामपुर में शुक्रवार के दिन एक महिला उषा की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। शनिवार के दिन भर बरसात होने के कारण महिला का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका। एक दिन तक महिला के शव को अंतिम संस्कार का इंतजार करना पड़ा। वही बरसात से थोड़ा राहत मिलने पर ग्रामीणों ने बमुश्किल महिला के शव का अंतिम संस्कार किया। ग्रामीणों ने कीचड़ भरे रास्ते से शव को ले जाने एवं खुले में अंतिम संस्कार करने की वीडियो और फोटो सोशल मीडिया में वायरल कर दिए हैं। वायरल वीडियो पर लोग सरकार के दावों पर तंज कसते नजर आ रहे हैं। ज्ञात हो कि पहले इस गांव से ऐसी ही तस्वीरें और वीडियो वायरल हुई थी। मुस्लिम आबादी वाले 11 हजार से ज्यादा मतदाता इस गांव में निवास करते हैं। वही गांव में अनुसूचित जाति के करीब 400 मतदाता ही यहां निवास करते हैं। गांव में करोड़ों रुपया विकास पर खर्च हुआ लेकिन गांव के शमशान की हालत आज भी बद से बदतर है। जबकि सरकार ने अंत्येष्टि स्थल को संवारने के लिए एक बड़ा बजट भी खर्च किया है। जब लोगों को यहां अंतिम संस्कार करने के लिए शमशान तक पहुंचना होता है तो वहां पहुंचना आसान नहीं है। पहले वायरल हुई वीडियो का अधिकारियों ने संज्ञान लेकर शमशान की चार दिवारी छत का निर्माण एवं पक्के रास्ते का निर्माण करने के आदेश दिए थे, लेकिन आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं। फिलहाल शामली जनपद के गांव भैसानी इस्लामपुर की तस्वीरें अब लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। लोगों का कहना है कि देश भर में विकास पर करोड़ों अरबों रुपये खर्च किए जा रहे हैं लेकिन अंतिम संस्कार तक के लिए लोगों को सुविधा मुहैया नहीं हुई है। गांव के प्रधान पर तालाब की मिट्टी चोरी करने के आरोप में अधिकार सीज होने की कार्रवाई तक हो चुकी है।

बीच में रुका है खड़ंजा का निर्माण कार्य

समस्या को देखते हुए बीजेपी की जिला पंचायत सदस्य डॉ नीरज सैनी ने अंत्येष्टि स्थल तक जाने वाले मार्ग पर दो माह पहले खड़ंजा का निर्माण कराया था। करीब 650 मीटर लंबाई का खड़ंजा निर्माण कराया गया है जबकि उससे आगे कागजों में सरकारी रास्ता उपलब्ध नहीं है। किसी प्राइवेट व्यक्ति के खेत से होकर रास्ता गुजरता है। जिसकी लंबाई लगभग 70 मीटर है। इस कारण शमशान घाट तक खड़ंजा का निर्माण नहीं हो सका। अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया है। कोई ना कोई समाधान निकालने की कोशिश जारी है। जिससे आगे के रास्ते का निर्माण कराया जा सके। जबकि अंत्येष्टि स्थल पर चारदीवारी और छत का निर्माण भी नहीं है उसके लिए भी कोशिश जारी है।