व्यापारियों की समस्याओं को लेकर वाणिज्य कर के सहायक आयुक्त के माध्यम से वित्त मंत्री को भेजा ज्ञापन

व्यापारियों की समस्याओं को लेकर वाणिज्य कर के सहायक आयुक्त के माध्यम से वित्त मंत्री को भेजा ज्ञापन

••बिलों में सौ - दो सौ रुपये की मिस मैचिंग के चलते व्यापारियों पर केंद्र व राज्य की जीएसटी पैनल्टी बीस हजार! 

••जमा की गई पैनल्टी व ब्याज हो वापस : मुदित जैन

संवाददाता आशीष चंद्रमौलि

बडौत।वाणिज्य कर एसिस्टेंट कमिश्नर के माध्यम से केंद्र सरकार की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने भेजा ज्ञापन। खरीद के बिलों में मामूली मिस मैचिंग के चलते भारी पैनल्टी कौ खत्म करने तथा नियमों को तर्क संगत व व्यावहारिक बनाने की मांग की है। 

ज्ञापन में बताया गया कि,जीएसटी का नया कानून वर्ष 2017-18 की मध्य से लागू किया गया था। इस कानून व ऑनलाइन पोर्टल पर सुधार व संशोधन की प्रक्रिया आज तक चालू है। कहा कि, वर्ष 2017-18 व 2018-19 में जीएसटी आर 2ए व जीएसटी आर 2 बी पोर्टल पर चालू नहीं था। सिर्फ 3 बी रिटर्न फाइल हो सकती थी, जिस वजह से व्यापारी खरीद के बिल पोर्टल पर चेक नहीं कर सकते थे। खरीद के वास्तविक बिलों के आधार पर 3 बी फाइल कर आईटीसी क्लेम की जाती थी। इस कारण आईटीसी मिसमेच हो रही थी। अधिकांश मामलों में मामूली टैक्स का अन्तर सौ या दो सौ रुपये होने पर भी धारा-73 में कम से कम ₹ 10-10 हजार रू स्टेट व सैंटर की जीएसटी की पैनल्टी लगायी जा रही है। इतना ही नहीं 18 प्रतिशत ब्याज की मांग भी नोटिस में भेजी जा रही है, , जिसमें व्यापारी की कोई गलती या कभी आईटीसी मिसमेच होने में नहीं है।

मांग की गई है कि, वर्ष 2017-18 व 2018-19 के आईटीसी मिसमेच मामलों में सिर्फ टैक्स का अन्तर व्यापारी से लिया जाये। पैनल्टी व ब्याज वर्ष 2017-18 व 2018-19 के आईटीसी मिसमेच मामलों में न लगाया जाए तथा इन वर्षों के आईटीसी मिसमेच मामलों में व्यापारी द्वारा पैनल्टी व ब्याज वापिस किया जाये। 

उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के बड़ौत नगर अध्यक्ष मुदित जैन के नेतृत्व में वाणिज्य कर असिस्टेंट कमिश्नर धनंजय कुमार को ज्ञापन सौंपने वालों में संदीप गर्ग टीटू प्रधान नीरज गुप्ता अंकित जैन डब्बू हर्ष आर्य कृष्ण बिंदल विनोद कुमार आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।