स्वास्थ्य विभाग की ढुलमुल रवैया से नौसिखिया डॉक्टरों के हौसले बुलंद।
संवाददाता सतेंद्र राणा
3 दिन बीत जाने के बाद भी नर्सिंग होम पर नहीं हुई कोई कार्यवाही
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इंक्वायरी की बात कह कर झाड़ा पल्ला
परिजनों ने झोलाछाप पर लगाया था गलत ऑपरेशन करने का आरोप
थानाभवन- पित्त की थैली का गलत ऑपरेशन के कारण परेशानी झेल रहे मरीज ने दम तोड़ दिया था। हॉस्पिटल संचालक ने परिजनों से मामले को रफा-दफा कर दिया । जबकि स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक मामले में कोई कार्यवाही करने की जहमत नहीं उठाई।
दरअसल मामला जनपद शामली के थानाभवन क्षेत्र का है। थानाभवन क्षेत्र के गांव मसावी निवासी जमशेद का थानाभवन में स्थित सिटी लाइफ हॉस्पिटल में पित्त की थैली का ऑपरेशन किया गया था। छुट्टी के बाद घर पहुंचे जमशेद की हालत खराब होने पर जमशेद को दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में परिजनों ने दिखाया तो चिकित्सकों ने परिजनों को बताया कि पित्त की थैली का गलत ढंग से ऑपरेशन किया गया है। जिस कारण लीवर की नस कट गई है और अब उनकी जान बचनी मुश्किल है। बड़े अस्पतालों ने मरीज को भर्ती करने से साफ इंकार करते हुए घर भेज दिया था। परिजनों ने भी झोलाछाप चिकित्सक पर लापरवाही करने का आरोप लगाया था। फिलहाल अब परेशानी झेल रहे मरीज जमशेद ने बीते 2 पहले दम तोड़ दिया है। हालांकि नर्सिंग होम संचालक ने परिजनों से मिलकर मामले को रफा-दफा कर दिया है और परिजनों ने पुलिस में कोई लिखित तहरीर नहीं दी है।देखा जाए ऐसे नर्सिंग होम संचालकों का समझौता तंत्र बहुत ही मजबूत होता है अधिकांश मामलों में इनका समझौता तंत्र पीड़ित परिवार के घर पहुंच दुख प्रकट करते हैं और घटित हुई घटना को डॉक्टर की गलती ना मानते हुए अल्लाह या भगवान की मर्जी का वास्ता देकर पीड़ित परिवार को अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में उलझा कर ऐसे डॉक्टरों से समझौता करा देते हैं । फिर ऊपर से सोने पर सुहागा स्वास्थ्य विभाग की ढुलमुल कार्यवाही को माना जाता। नर्सिंग होम पर अभी तक कार्यवाही नहीं हुई यह भी क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है । स्वास्थ्य विभाग ने कई दिनों से चल रहे इस मामले को लेकर हॉस्पिटल पर पहुंचकर जरा भी जांच पड़ताल करने की जहमत तक नहीं उठाई है। जिसकी अब सोशल मीडिया में खूब चर्चा हो रही है। फिलहाल इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सीएमओ शामली का कहना है कि जांच चल रही जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बड़ा सवाल आखिर किसके संरक्षण में चल रहे हैं इस तरह के मौत बांटने वाले नर्सिंग होम