समारोह पूर्वक हुआ योगीराज रामजीलाल भव्य स्मारक का उद्घाटन व महर्षि योगीराज पुस्तक का विमोचन

समारोह पूर्वक हुआ योगीराज रामजीलाल भव्य स्मारक का उद्घाटन व महर्षि योगीराज पुस्तक का विमोचन

संवाददाता नीतीश कौशिक

अमीनगर सराय।नगर श्वेतांबर  स्थानकवासी जैन समाज के तत्वाधान में आज समाधि लीन विख्यात जैन संत श्री योगीराज रामजीलाल महाराज के नाम से भव्य स्मारक स्थल का समारोह पूर्वक उद्घाटन किया गया। राष्ट्र संत आचार्य सुभद्र मुनि महाराज के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली व हरियाणा सहित उत्तर भारत के अनेक नगरों से श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस दौरान जैन ग्रंथ "महर्षि योगीराज " नामक पुस्तक का विमोचन भी हुआ । 

समारोह में आचार्य सुभद्र मुनि के मंगलाचरण से पूर्व सुरेश चंद्र जैन गाजियाबाद ने ध्वजारोहण किया, जबकि स्वागताध्यक्ष समाजसेवी ईश्वर दयाल अग्रवाल और संदीप जैन नोएडा ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। नगर पंचायत अध्यक्षा सुनीता मलिक ने योगीराज महाराज के जीवन पर बनी एक पुस्तक का विमोचन किया। लाला इंद्रसेन जैन परिवार की ओर से तैयार भव्य भवन का उद्घाटन जितेंद्र जैन राहुल जैन सौरभ जैन और अभिषेक जैन आदि ने संतो के सानिध्य में मंत्रोच्चार के साथ किया। 

भव्य समारोह में प्रसिद्ध इतिहासकार व पुराविद डॉ अमित राय जैन एवं डॉ विनय विश्वास बड़ौत ने सभी साधु साध्वियों का अभिनंदन किया।एसएस जैन समाज की ओर से सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। संयोजक अभिषेक जैन सराफ ने गुरु वंदना प्रस्तुत की ,जबकि रीमा जैन और पारुल जैन दिल्ली ने धार्मिक भजन प्रस्तुत किये। वहीं योगीराज शिक्षा सदन के अध्यापक विकास उपाध्याय ने गुरु चरणों में मर्मस्पर्शी रचना प्रस्तुत की तथा साध्वी सुषमा जी महाराज ने अपनी ओजस्वी वाणी से सबको मंत्र मुग्ध किया ,अमित मुनि ने गुरु महिमा का वर्णन किया।विद्या वॉचस्पति आचार्य सुभद्र मुनि ने कहा कि इंसान के जीवन में धर्म के प्रति श्रद्धा सबसे बड़ा मंत्र है । उन्होंने अपने युवा बच्चों को धार्मिक और नैतिक संस्कार प्रदान करने का आह्वान किया।समारोह में अनिल मलिक सत्येंद्र जैन सराफ, वीरेंद्र जैन मेरठ अभिषेक जैन सराफ ईश्वर दयाल अग्रवाल मूलचंद जैन, मुकेश जैन, सुधीर जैन, प्रवीण जैन सत्येंद्र जैन अनिल जैन ,राकेश जैन, ऋषभ जैन समेत सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु नर- नारी युवा और बच्चे मौजूद रहे। मंच संचालन दिनेश जैन ने किया तथा प्रसाद वितरण ला इंद्र सैन जैन परिवार की ओर से किया गया।