भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए बच्चों के चरित्र निर्माण में माताओं की अहम भूमिका :राजेश उज्ज्वल

संवाददाता आशीष चंद्रमौली
बडौत | आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानंद की 200 वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में घर-घर यज्ञ का आयोजन तथा संस्कार, चरित्र व उज्ज्वल भविष्य के लिए सत्यार्थ प्रकाश की शिक्षाओं को जीवन में अपनाने के लिए गोष्ठियों के क्रम में महिला आर्य समाज की अध्यक्षा राजेश उज्ज्वल ने यज्ञ को संसार का सर्वश्रेष्ठ कर्म बताया तथा कहा,यज्ञ करने से घर में सुख शांति आती है व कीटाणु नष्ट होते हैं | कहा कि, त्योहारों पर तथा प्रत्येक शुभ अवसर पर अवश्य यज्ञ कराना चाहिए |इस अवसर पर संपन्न हुए यज्ञ व गोष्ठी में समुद्री देवी जसवंती बबली अमृता मंजू गीता रेखा रेनू राजकली लीलावती आदि उपस्थित रही |
श्रीमती समुंद्री देवी व ओमवीर पवार के यहां आजाद नगर में आयोजित यज्ञ व गोष्ठी में अध्यक्षा राजेश उज्ज्वल ने माताओं से आह्वान किया गया कि, जन्मदात्री होने का गौरव प्राप्त करने के साथ ही माताओं को बच्चों को संस्कारवान बनाने , सद्चरित्र और उज्ज्वल भविष्य निर्माण में भी अहम भूमिका निभानी होगी, तभी गौरवशाली और विश्व गुरु के रूप में भारत को फिर से स्थापित करने का स्वप्न साकार हो सकेगा |