छठ पूजा भारत के कई राज्यों में मनाए जाने वाला है प्रसिद्ध त्योहार-अंजली आर्य
प्राथमिक विद्यालय के छात्र छात्रों को दी गई छठ पूजा पर्व के विषय में जानकारी

बेहट शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालय छुटमलपुर नंबर 2 में 19 नवंबर को होने वाले छठ पर्व के विषय में बच्चों को बताया गया शिक्षक अंजली आर्य ने बच्चों को बताया कि छठ पूजा भारत के कई राज्यों में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्यौहार है। जो कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन मनाया जाता है छठ पूजा मुख्य तौर से सूर्य देव की उपासना का पर्व है इस दौरान व्रती महिला 36 घंटे का व्रत रखती हैं मान्यता के अनुसार छठ पूजा की शुरुआत रामायण के दौरान हुई थी रावण का वध कर जब प्रभु श्री राम और मां सीता बनवास से अयोध्या लौटे तब उन्होंने भी यह व्रत किया था, ऐसा भी मानते हैं कि कर्ण जो सूर्य देव के पुत्र है वह सूर्य भगवान के परम भक्त थे और पानी में घंटे खड़े रहकर उपासना करते थे, पांडवों के स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए द्रौपदी भी सूर्य देव की उपासना करती थी कहते हैं कि उसकी इसी श्रद्धा के कारण पांडवों को अपना राज्य फिर से मिला था इस पर्व से जुड़ी अनेकों पौराणिक कहानी प्रचलित है कहा जाता है कि कि अगर कोई सच्चे मन से विधिपूर्वक पूजा करे तो उसे संतान प्राप्त होती है यह व्रत संतान प्राप्ति सुख समृद्धि तथा दीर्घायु के लिए करते हैं पूजा के चार महत्वपूर्ण दिन होते हैं छठ पूजा का पहला दिन होता है नहाए खाए
इस दिन सबसे पहले घर की सफाई कर उसे पवित्र किया जाता है उसके बाद स्त्री स्वयं को पवित्र करती है लौकी चने की दाल की सब्जी रोटी के साथ खाई जाती है उसके बाद दूसरा दिन होता है खरना इस दिन शाम के समय खीर बनाई जाती है और गेहूं के आटे और गुड़ की चासनी से छठ मैया के लिए ठेकुए का प्रसाद बनाया जाता है तीसरा दिन छठ पूजा का मुख्य दिन है पूरे दिन व्रती निर्जल व्रत रखती हैं फिर शाम में वह नदी या तालाब के पर यहां इकट्ठा होकर डूबते सूरज को अर्घ्य देते हैं, घर का बेटा या पुरुष एक बस की टोकरी लेकर आगे चलता है जिसे बहंगी कहते हैं इसमें पूजा सामग्री रखते हैं, छठ पूजा के चौथे दिन और उगते सूरज को अर्घ्य देते हैं व्रती महिला और अन्य लोग फिर नदी के किनारे इकट्ठा होकर छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए उसके गीत गाते हैं और अंत में व्रती महिला प्रसाद और कच्चे दूध का सेवन कर व्रत तोड़ती है इस तरह छठ पूजा का समापन होता है।
बच्चों ने जिज्ञासा पूर्वक बहुत से प्रश्न किए हुए ध्यानपूर्वक इस पर्व से जुड़ी बातों को सुना। इस अवसर पर बच्चों ने छठ पर्व से संबंधित सुन्दर सुन्दर पोस्टर बनाए
रिजा फलक नबीया जोया आलीशान दानिश सुफियान फराना सहित सभी बच्चों ने उत्साह पूर्वक पोस्टर प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया।
अंत में सभी बच्चों को छठ पर्व की शुभकामनाएं देकर मिठाई खिलाई और कार्यक्रम का समापन किया।