बारह वर्षों से अधर में लटका है 16 गांवों का सर्वे

बारह वर्षों से अधर में लटका है 16 गांवों का सर्वे
स्टाफ की कमी के कारण 16 गांवों में से मात्र पांच का ही हो पाया भूमिमापन,अभिलेख नहीं हुए तैयार
कैराना। हरियाणा -यूपी सीमा से सटे जनपद शामली के 16 गांवों का सर्वे कर रिकॉर्ड तैयार करने का कार्य स्टाफ की कमी होने के कारण अधर में लटका हुआ है,जिसे उपजिलाधकारी कैराना ने पूर्ण करने के निर्देश दिए हl
सोमवार को एसडीएम्  कैराना शिवप्रकाश यादव ने अपने कार्यालय में सर्वे लेखपालों की मीटिंग ली,जिसमें उनके द्वारा तैयार किए गए रिकॉर्ड को जांचा गया और अधर में लटके सर्वे कार्य को तत्परता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। वर्ष 2010 से आजतक  हरियाणा -यूपी सीमा से सटे जनपद  शामली के 16 गांवों का सर्वे कर भूमीमापन करते हुए रिकॉर्ड तैयार करना था,लेकिन स्टाफ की कमी होने के कारण यह कार्य अधर में लटका हुआ है।16 में से मात्र पांच गांवों का ही  भूमीमापन हो सका है,जिनका रिकॉर्ड भी अभी तैयार नहीं हो पाए है। इस दौरान सर्वे लेखपाल यमुना प्रसाद,फुरकान,दिनेश कुमार,उमेश चंद व खेमचंद आदि मौजूद रहे।
 इन गांवों का भूमीमापन के बाद होना था रिकॉर्ड तैयार
हरियाणा -यूपी सीमा सटे जनपद शामली के सौलह गांवों में मात्र इन पांच गांवों सहपत,मामौर,मवी, नगलाराई व बसेड़ा अहतमाल भूमीमापन का कार्य पूरा किया गया है,जिनका अभी रिकॉर्ड तैयार करना बाकी है,जो स्टाफ की कमी के कारण समय पर पूरा नहीं किया जा सका है,जबकि रामडा,मोहम्मदपुर राई, मंडावर,बसेड़ा गैर अहतमाल, पठेड, बलहेडा, बिडौली,शीतल गढी,मंगलौरा कदीम, नई नगला व भडी का अभी तक भूमीमापन भी नहीं हो  सका है।
 स्टाफ की है कमी
सर्वे लेखपाल जमना प्रसाद ने बताया कि सर्वे कार्यालय में 6 कानूनगो की तैनाती के स्थान पर यहां किसी कानूनगो की नियुक्ति नहीं है। बारह लेखपालों के स्थान पर मात्र छह हैं। 6 चैनमेनों की तैनाती है,मगर एक भी नहीं है। नक्शा बनाने के लिए ट्रेसर की तैनाती होनी चाहिए,लेकिन कोई नहीं है। सवाल यह उठता है कि जब स्टाफ ही नहीं है तो लंबे समय से अधर में लटके भूमीमापन का कार्य कैसे पूरा होगा।हरियाणा -यूपी सीमा से सटे जनपद शामली के महत्वपूर्ण 16 गांवों के अभिलेख कैसे तैयार होंगे।