देशभर में 60 लाख खाली सरकारी पदों को तुरंत भरा जाये। 

देशभर में 60 लाख खाली सरकारी पदों को तुरंत भरा जाये। 

एवं राष्ट्रीय रोजगार नीति कानून संसद में पास करके सभी देशवासियों को रोजगार की गारंटी सुनिश्चित की जाये की माँग को लेकर,देश की बात फाउंडेशन के आवाहन पर  संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के बैनर तले भ्रष्टाचार शिकायत अभियान भारत  के समर्थन से रोजगार आंदोलन के तहत  26 नवंबर से 27 नवंबर को  गाँधी चबूतरा, कोतवाली के सामने, उरई सुबह 10 बजे से  राष्ट्रव्यापी सामूहिक उपवास का आयोजन किया गया | समिति की सदस्य एवं आंदोलन कर्ता डॉ श्रद्धा चौरसिया ने कहा,कि आज हमारा देश बेरोज़गारी की मार झेल रहा है बड़ी-बड़ी डिग्रियों लेकर भी युवा आज काम के लिए दर-दर भटक रहे हैं। रोज़गार का नया सृजन करना तो दूर देश भर में लाखों खाली पड़ी सरकारी वैकेंसी पर भर्ती नहीं की जा रही है। जहां भर्ती हो भी रही है, ठेकेदारी व्यवस्था के तहत हो रही है, जहाँ मिनिमम वेज इतना कम है कि जिससे काम करने के बावजूद भी लोगों को सम्मानपूर्वक जीवन जीना मुश्किल हो रहा है। प्राइवेट सेक्टर में भी रोजगार के नए अवसर पैदा होने की जगह छटनी की तलवार लोगों के सर मंडरा रही है। 
 छात्र कुमार गौरव ने कहा कि,पिछले दिनों पूरे देश ने देखा कि युवाओं के द्वारा उत्तर प्रदेश , दिल्ली , महाराष्ट्र , बिहार, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में रेलवे, SSC, UPSC, सेंट्रल पुलिस फोर्स , RRB NTPC,B.ED,BTC,B.P.ED के हजारों पद खाली हैं एवं अग्निपथ योजना एवं राज्यों की विभिन्न  भर्तियों को लेकर आंदोलन हुए किन्तु  युवा विरोधी तनाशाह  सरकार द्वारा बातचीत करने के बजाय युवाओं के साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया जाता है। वही हम देख रहे हैं कि देश के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP के लिए कानून बनवाने के लिए संघर्ष करने करने को मजबूर है।
देश में अलग-अलग भागों में लगभग 700000 सरकारी पद खाली है। जिस पर सरकार भर्ती नहीं निकाल रही ऐसा लगता है कि सरकार रोजगार को लेकर गंभीर नहीं है। बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए भारत में आजादी के बाद जिस तरह की नीतियां बनाने की जरूरत थी हमारी अब तक की सरकारों ने वैसी नीतियां नहीं बनाई।
बेरोजगारी से त्रस्त छात्र युवा मजदूर किसान, महिला अपने अपने स्तर पर लगातार सरकार से बेरोजगारी के माध्यम के लिए संघर्षरत हैं। परंतु सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कदम अब तक नहीं उठाया गया।
इस रोजगार आंदोलन में कई महत्वपूर्ण लगन शील जन सेवकों का समर्थन प्राप्त हुआ।
डॉक्टर सरिता चौरसिया
कुमार गौरव कुशवाहा
मुकेश राजपूत
कप्तान सिंह राजपूत
महेश सोनकर
गौरव चौधरी
शैलेश कुमार अहिरवार
किशोर गुप्ता जी
रिहाना मंसूरी
रंजना अग्रवाल
राकेश अग्रवाल
प्रखर वाजपेई
कुलदीप चतुर्वेदी
महेश सोनी
रामपाल वीरा
सौरभ सिंह
अशोक गुप्ता
स्थानीय संगठन भ्रष्टाचार शिकायत अभियान भारत हलीम संस्था रिहाना मंसूरी जी, किसान प्रोग्रेसिव फाउंडेशन हमारा समर्थन मिला।