डीएम प्रेम रंजन सिंह ने पराली जलाने को लेकर समस्त उप जिलाधिकारियों, खण्ड विकास अधिकारियों, डीडी कृषि को दिए सख्त निर्देश।
ब्यूरो रिपोर्ट मिथुन गुप्ता
एटा। शासन के निर्देश पर जनपद में पराली जलाने को दृष्टिगत जारी किए गए दिशा निर्देश डीएम प्रेम रंजन सिंह ने समस्त उप जिलाधिकारियों, खण्ड विकास अधिकारियों, डीडी कृषि को दिए निर्देश पराली जलाने की घटनाओं को गंभीरता से लें, किसानों को पराली न जलाने एवं पराली का सदुपयोग करने हेतु प्रेरित किया जाए लेखपाल, सचिव प्रधान की उपस्थिति में क्षेत्रीय किसानों के साथ बैठक कर पराली का सदुपयोग करने हेतु करें जागरूक किसान भाई पराली को न जलाएं या तो उसी खेत में उसे पलट दें अथवा नजदीकी गौशाला को दान कर दें। पराली खेत में जलाये जाने से मृदा के सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, जिस कारण खेत की उर्वरता में कमी आ जाती है और फसल की उत्पादकता भी कम हो जाती है। पराली जलाने पर जनपद के सात किसानों पर की गई 32500 रुपए जुर्माना की कार्रवाई धान फसल के अवशेष (पराली जलाने पर 2 एकड़ से कम क्षेत्र के के लिए रु. 2500-00 दो एकड़ से पांच एकड़ क्षेत्र के लिए रु.5000-00 और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रु.15000-00 तक पर्यावरण क्षति प्रतिपूर्ति की वसूली की जाएगी पराली जलाने की घटना चाहे किसी भी समय की जाए, वह सेटेलाईट द्वारा रिकॉर्ड की जाती है पराली जलाने वाला कोई भी कृषक इससे बच नहीं सकता। सभी किसान भाई पराली का सदुपयोग करें।