मौसम है बहारों का सरसों पर जवानी है और पास मेरे तेरी तस्वीर पुरानी है

मौसम है बहारों का सरसों पर जवानी है और पास मेरे तेरी तस्वीर पुरानी है

शहीद दिवस के उपलक्ष्य में मुजफ्फरनगर में शानदार मुशायरा आयोजित शायरों ने पड़े एक से एक बढ़कर कलाम वाहवाही लूटी,,,

मुजफ्फरनगर संवाददाता। शहीद दिवस के अवसर पर एक अजीमुस्सान मुशायरे का आयोजन "तनवीर-ए-अदब न्यूज" के तत्वाधान में डॉ. शमीम मलिक जिला संगठन मन्त्री, भारतीय किसान यूनियन, चिकित्सा प्रकोष्ठ मुजफ्फरनगर द्वारा मोहल्ला मिमलाना रोड, मुजफ्फरनगर पर किया गया। शकील हाउस में सजी इस सुंदर काव्य-सभा में अनेक गणमान्य कवियों ने भाग लिया और श्रोताओं से प्रशंसा व सराहना प्राप्त की। समाजसेवी फैयाज मलिक बरला वालों की अध्यक्षता और मशहूर शायर व तनवीर अदब अखबार के संपादक डॉ. तनवीर गोहर के सफल प्रबंधन में मुशायरा सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। मुशायरे की शमा डॉ. जमील अहमद मलिक, गुलबहार एडवोकेट, असगर मलिक, इस्लाम मलिक, मास्टर सलीम अहमद व डॉ. फुरकान मलिक ने संयुक्त रूप से रोशन की। मुशायरे की शुरुआत कारी अब्दुस सलाम नूर की नात पाक से हुई। मुशायरे में शायरों एवं कवियों ने अपने-अपने कलाम से नवाजा। इस दौरान तनवीर गौहर ने कहा कि। इश्क़ तुमसे जुनूँ की हद तक है 

और हद ही कहाँ जुनून की है

हम गरीब आदमी हैं ए गौहर 

कोई कीमत हमारे खून की है। अरशद जिया ने कुछ यूं पड़ा

तुम बरगद हो तुम क्या जानो इन गमलों के पोधों का दुख,

कटते छटते रहना है और खुद को जिन्दा रखना है। पाशा ककरोल्वी ने कहां अच्छी नहीं है वक़्त की रफ्तार चुप रहो पसमांदा हैं साहिब ए म्अयार चुप रहो। कलीम चरथावली ने कहा

जुल्फ जब उनकी लहरा गई 

सारे आलम को महका गई। तहसील समर चरथावली कुछ यूं पड़ा

मौसम है बहारों का सरसों पे जवानी है और पास मेरे तेरी तस्वीर पुरानी है। फिरोज अनवर ने पढ़ा की

खैर मेरे वतन की हो रब्बे-करीम 

हाथ में ज़ालिमों के निजाम आ गया है

ए नूर उम्मती हैं खैर उल बशर के यूं भी जिसने हमें सताया हमने उसे दुआ दी। अब्दुल सलाम नूर ने कहा

हम बज़ाहिर तो अपने घर में रहे

उम्र गुज़री है कैद खाने मैं

मेरा बेहतर अगरचे हाल न था 

पर किसी से कोई सवाल न था। दौरान शहर व आसपास के बहुत से सम्मानित लोगों ने मुशायरे में शिरकत करके शायरों के कलाम से लुत्फ़ उठाया।जिनमें असद फारूक़ी, नफ़ीस मेम्बर, हाजी शकील अहमद, कारी आलीशान, कारी रिजवान, मास्टर सलीम अहमद डाक्टर फुरकान मलिक , जफर इकबाल,कलीम त्यागी, रईसउददीन राना, मास्टर शहजाद,सैफ आलम, डाक्टर फ़ैज मलिक, इमरान मलिक, सुहैल मलिक, ज़ैद मलिक, मास्टर हाशिम चरथावली, गुफरान चरथावली, जरीफ सम्पादक, डाक्टर इरशाद आदि का नाम शामिल है।मुशायरे के आखिर में संयोजक डाक्टर शमीम मलिक ने सभी शायरों और श्रोताओं का आभार प्रकट किया।