भाजपा के लिए जलालाबाद नगर पंचायत बनी चर्चा का विषय पदाधिकारी नहीं दे रहे दिखाई

भाजपा पदाधिकारियों ने किया किनारा

भाजपा के लिए जलालाबाद नगर पंचायत बनी चर्चा का विषय पदाधिकारी नहीं दे रहे दिखाई

बच्चों को साथ लेकर मैदान में निकली बीजेपी प्रत्याशी

- चुनाव प्रचार प्रसार से बीजेपी कार्यकर्ताओं का किनारा करना बना चर्चा का विषय

जलालाबाद- बीजेपी प्रत्याशी के कार्यालय उद्घाटन से बड़े बीजेपी नेताओं द्वारा किनारा करना चर्चा का विषय बना है। हालांकि बीजेपी प्रत्याशी खुद गली-गली और घर-घर जाकर अपने बच्चों सहित अपने हक में लोगों से मतदान करने की अपील कर रही हैं। भाजपा का चेहरा बने बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा अन्य प्रत्याशियों के हक में काम करने की चर्चा बनी हुई है।

भारतीय जनता पार्टी में पार्टी के बड़े पदाधिकारी इस बात का दम भरते हैं कि भारतीय जनता पार्टी केवल एक ऐसी पार्टी है। जिसमें एक छोटा सा कार्यकर्ता भी देश के प्रधानमंत्री पद पर काबिज हो सकता है। इसी विचारधारा को लेकर शामली जलालाबाद निकाय चुनाव में नामित सभासद रही बबली कश्यप को निकाय चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी घोषित करके पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम किया।वही शामली जनपद में जलालाबाद निकाय चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के कार्यालय उद्घाटन पर बड़े बीजेपी नेताओं द्वारा किनारा करना चर्चा का विषय बना है। हालांकि कुछ लोग कार्यालय उद्घाटन में पहुंचे तो जरूर पर उनमें से भी ज्यादातर मात्र फोटो खिंचवाने तक ही सीमित रहे। उनके हक में प्रचार करने के लिए ज्यादतर बीजेपी कार्यकर्ता नजर नहीं आ रहे हैं। वही खुद कस्बा जलालाबाद में भी बीजेपी के कई पदाधिकारी भी अक्सर भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े मंच पर खड़े होकर और सोशल मीडिया पर अपने आप को बीजेपी का सच्चा हितेषी साबित करने की पुरजोर कोशिश में रहते हैं, लेकिन यहां बिल्कुल तस्वीर इसके उलट है। यहां तक की बीजेपी की एक जनपदीय पदाधिकारी के पति भी दूसरे निकाय चुनाव के प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार प्रसार में मंच साझा कर रहे हैं। जिसकी तस्वीर भी सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है। हालांकि बीजेपी प्रत्याशी बबली कश्यप के द्वारा कस्बे में घर-घर जाकर अपने बच्चों और पूरे परिवार के साथ अपने हक में अधिक से अधिक मतदान जुटाने की पुरजोर कोशिश जारी है। वही बीजेपी के ही एक कार्यकर्ता द्वारा नाम प्रकाशित ना करने की शर्त पर फोन पर जानकारी दी गई की बीजेपी के ज्यादातर कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी बीजेपी प्रत्याशी के चुनाव से दूरी बनाए हुए हैं। चुनिंदा मौके पर ही मंच साझा कर अपना राजनीतिक लाभ साधने में लगे रहते हैं लेकिन पार्टी में काम नहीं कर रहे हैं। पार्टी में शामिल ऐसे विद्रोही लोगों को पार्टी के बड़े- पदाधिकारियों द्वारा निष्कासित करने का काम भी करना चाहिए। फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी चुनावी मैदान में कुछ चुनिंदा कार्यकर्ताओं एवं अपने बलबूते ही जीत की नैय्या पार लगाने के लिए पुरजोर कोशिश में लगी है। हालांकि 13 मई को यह तस्वीर एकदम साफ हो जाएगी कि भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के हक में जनता कितना मतदान करती है।