एक बीघा जमीन को बचाने की खातिर दस दिन से चला आ रहा धरना स्थगित

संवाददाता आशीष चंद्रमौलि
बड़ौत। बिजरौल गांव में अधिग्रहण से जमीन बचाने के लिए एक सप्ताह से चल रहा किसान परिवारों का धरना शनिवार को भाकियू व गणमान्य लोगों ने स्थगित करा दिया तथा चेतावनी दी कि, किसान परिवार को अकेला समझने की भूल न करे एनएचएआई व प्रशासन के अधिकारी । दूसरी ओर बलवान सिंह व यशपाल पक्ष की ओर से एडीएम कोर्ट में अपना पक्ष रखने को प्रस्तुत हुए।
दिल्ली-देहरादून इकॉनमिक कॉरिडोर निर्माण के लिए एक बीघा जमीन अधिग्रहण होने से बचाने के लिए बिजरौल गांव के किसान बलवान व यशपाल का परिवार पिछले दस दिन से धरने पर बैठा हुआ था,इस दौरान दुल्हन बनने के दिन परिवार की बेटी ने पहले धरना दिया था तथा प्रशासन को चेतावनी देने के साथ ही अखबार की सुर्खियां भी बटोरी थी। परिवार का आरोप है कि ,बिना मुआवजा दिए ही एनएचएआई के अधिकारी उनकी जमीन को अधिग्रहण करना चाहते हैं।
शनिवार को भाकियू नेता राजेंद्र सिंह, थांबा चौधरी यशपाल सिंह, विक्रम आर्य समेत अन्य लोगों ने धरना स्थल पर पहुंचकर किसान परिवारों का धरना स्थगित कराया। वहीं बिना मुआवजे के जमीन अधिग्रहण करने की कार्रवाई करने पर,दोबारा से धरना शुरू करने की चेतावनी दी। किसान यशपाल ने बताया कि ,एडीएम कोर्ट में भूमि संबंधित कुछ कागजात जमा कराए गए हैं। वहां अपना पक्ष आगे भी मजबूती से रखेंगे।