संतों के आने का लक्ष्य धर्म की वृद्धि व जन जन में संस्कारों का बीजारोपण करना:अरुण चंद्र महाराज

संतों के आने का लक्ष्य धर्म की वृद्धि व जन जन में संस्कारों का बीजारोपण करना:अरुण चंद्र महाराज

संवाददाता मनोज कलीना

बिनौली।सिरसली गांव के शिव मंदिर परिसर में सोमवार को धर्मसभा में जैन मुनि अरुण चंद्र महाराज ने कहा कि, आप जैन, हिंदू व मुसलमान बनने से पहले इंसान बनो। आज के समय में मानव जीवन मिलना दुर्लभ नहीं है, बल्कि एक अच्छा इंसान बनना दुर्लभ है।

जैन मुनि ने कहा कि ,गांव में संत पतझड़ के बाद बसंत के रूप में आते हैं। जो मनुष्य उदास रहते हैं, कष्ट दुख में रहते हैं, उनके लिए संत बसंत बनकर आए हैं। संतो के आने का लक्ष्य धर्म की वृद्धि व जन जन में संस्कारों का बीजारोपण करना है। धर्म परिवर्तन कराना मकसद नहींं है। आपकी बुरी आदतों का परिवर्तन करना है। उन्होंने कहा जैन, हिंदू, मुसलमान होने से पहले इंसान बन जाओगे, तो मंदिर मस्जिद के झगड़े नहीं होंगे। भारत के ऋषि मुनियों की पहचान यही है कि मानव, मानव बने। जीवन में नैतिकता होनी जरूरी है। 

उन्होंने कहा, भगवान महावीर ने ढाई हजार वर्ष पहले कहा था कि, पौधों में प्राण है । इस तरह जैन धर्म ने पर्यावरण को बचाया है इसलिए हम सब पेड़ लगाएं भली ही नहीं, लेकिन उन्हें काटना नहीं चचाहिए। बूंद बूंद पानी बचाना चाहिए। पानी की रक्षा नही की ,तो बूंद बूंद को तरस जाओगे।उन्होंने कहा ,मुल्ला को रहमान व पंडित को भगवान नही मिलता। आज लोग दुखी हैं, भगवान नही मिलता। भगवान बाद में ,इंसान पहले बनते हैं। धर्मसभा में सुशील जैन, सुंदरलाल जैन, विनोद जैन, ग्राम प्रधान धर्मेंद्र तोमर, इंजीनियर रामबीर सिंह, राजू तोमर, धर्मपाल फौजी, ओमवीर सिंह,राजपाल आर्य, मा राजेंद्र सिंह,प्रवेंद्र सिंह ,हरबीर ,सुरेंद्र सिंह, देवेंद्र, ऋषिपाल आदि रहे।