आखिर क्यों नहीं समय पर लगाई जा रही है हैसियत प्रमाण पत्र आवेदन पर तहसीलो मे रिपोर्ट!
एक महीने मे रिपोर्ट लगाकर फ़ाईल जिलाधिकारी कार्यालय भेजने के है निर्देश! महीनो तक क्यों लटकाई जाती है हैसियत प्रमाण पत्र आवेदन की फ़ाईले!

उरई (जालौन)-
माननीय योगी सरकार मे हर आवेदन आनलाइन किया जाता है! निश्चित समय सीमा के अंदर अधिकारियो व कर्मचारियों द्वारा आनलाइन रिपोर्ट लगाये जाने का प्रावधान है! हैसियत प्रमाण पत्र हेतु अब आनलाइन आवेदन किया जाता है सम्बन्धित तहसील कर्मचारियों व अधिकारियो को आनलाइन रिपोर्ट लगाकर एक माह अथवा आवेदन तिथि से तीस कार्यदिवस के अंदर रिपोर्ट लगाकर उपजिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी महोदय को भेजा जाता है! इसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय से हैसियत प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है! परंतु मामला इससे ठीक उलट है! आनलाइन आवेदन के पश्चात भी आफ़लाइन फ़ाइल उपजिलाधिकारी कार्यालय मे जमा करनी होती है! जहाँ से वह तहसीलदार कार्यालय मे जाती है! जहाँ पर लेखपाल कानूनगो नायब तहसीलदार व तहसीलदार रिपोर्ट लगाकर वापस उपजिलाधिकारी कार्यालय भेजते हैं! इसके लिये एक माह की समय सीमा निर्धारित है! परंतु माधौगड, उरई व अन्य तहसील मे हैसियत प्रमाण पत्र की फ़ाइलो पर समय सीमा के अंदर रिपोर्ट नही लगाई जा रही है! उपजिलाधिकारी कार्यालय व तहसीलदार कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी माननीय योगी जी व जिलाधिकारी महोदय के आदेश को ठेंगा दिखाकर निर्धारित समय सीमा मे रिपोर्ट नही लगा रहे हैं! आखिर क्या वजह है! जानबूझकर फ़ाइलो पर रिपोर्ट नही लगाई जा रही है और आम जनता को चक्कर कटवाये जा रहे हैं! गुप्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दलाल सक्रिय है जब वह फ़ाईल लेकर जाते हैं तो तुरंत रिपोर्ट लगा दी जाती है! जिलाधिकारी महोदया को इस सम्बन्ध मे सन्ग्यान लेकर सम्बन्धित अधिकारियों व कर्मचारियों को सख्त निर्देश जारी करने की आवश्यकता है! ताकि समय सीमा के अंदर रिपोर्ट लगाई जाए! और आम जनता को बार बार चक्कर न काटने पड़े! और मुख्यमंत्री महोदय की भ्रश्टाचार की जीरो टालरेस नीति के तहत कार्य हो सके !