जिला जज ने राजकीय सम्प्रेक्षण गृह का किया निरीक्षण, बाल अपचारियों के पुनर्वास व शिक्षा पर दिया जोर।
चित्रकूट। उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्ययोजना के तहत शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जनपद न्यायाधीश राकेश कुमार त्रिपाठी ने राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर) का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बाल अपचारियों से संवाद कर उनकी शिक्षा, पुनर्वास और भविष्य की योजनाओं की जानकारी ली।
निरीक्षण के दौरान अपर जिला जज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नीलू मैनवाल ने बताया कि सम्प्रेक्षण गृह में किशोरों के शैक्षणिक विकास हेतु समर्पित पुस्तकालय की पुस्तकों की समीक्षा की गई। आवश्यकतानुसार नई पुस्तकें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
बाल अपचारियों को मिलेगा मुफ्त सहयोग
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने सम्प्रेक्षण गृह में रह रहे किशोरों की समस्याओं को गंभीरता से सुना। उन्हें निःशुल्क अधिवक्ता सेवा की जानकारी दी गई। बताया गया कि यदि किसी किशोर के पास वकील नहीं है, तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे उचित न्यायिक प्रक्रिया का लाभ उठा सकें।
पुनर्वास व सुधार पर दिया गया जोर
निरीक्षण में उपस्थित किशोर न्याय बोर्ड की प्रधान मजिस्ट्रेट अंजलिका प्रियदर्शिनी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेंद्र प्रसाद भारती, क्षेत्राधिकारी सदर राजकमल, तहसीलदार चंद्रकांत तिवारी, नायब तहसीलदार मंगल यादव, जिला प्रोबेशन अधिकारी पंकज कुमार मिश्रा, संस्था प्रभारी बीर सिंह, एवं किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य शिवशंकर त्रिपाठी व अर्चना श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारियों ने भी बाल अपचारियों से संवाद किया।
जनपद न्यायाधीश राकेश कुमार त्रिपाठी ने सम्प्रेक्षण गृह में किशोरों के समुचित विकास हेतु बेहतर सुविधाओं की आवश्यकता जताई और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाल अपचारियों को शिक्षा, प्रशिक्षण और पुनर्वास के बेहतर अवसर उपलब्ध कराकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए।
न्यायपालिका की संवेदनशील पहल से मिलेगी नई राह
निरीक्षण के दौरान किशोरों को सकारात्मक सोच, शिक्षा एवं कौशल विकास की ओर प्रेरित करने की पहल की गई। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि सभी को न्याय और पुनर्वास का उचित अवसर मिलेगा। न्यायपालिका की यह पहल बाल अपचारियों के जीवन को नई दिशा देने में सहायक होगी।