रमजान के पहले जुम्मे पर तकरीर में शहर ए इमाम कासमी ने पुण्य के लिए किया प्रेरित, बुराइयाँ छोडने का किया आह्वान

संवाददाता आशीष चंद्रमौलि
बडौत। रमजान के पहले जुम्मा के दिन नगर की फूंस वाली मस्जिद में हजारों रोजेदारों ने जुम्मे की नमाज़ अदा की। वहीं रोजदारों से मुखातिब होते हुए शहर ए इमाम मुफ्ती खालिद कासमी ने कहा कि, दीन-ए-इस्लाम में माह-ए-रमजान की बहुत अहमियत है, जिसमें रोजे, नमाज, तरावीह, तिलावत, दुआ, तौबा का एहतिमाम करना चाहिए। रोजा रखने से हमारे शरीर से कई बीमारियां खुद ब खुद दूर जाती हैं।
कहा कि, इस महीने में खास तौर पर पुण्य के कार्य किए जाते हैं,मगर इस इन कामों के अलावा भी बहुत सी खूबियां हैं, जिन पर हमें तवज्जो देनी चाहिए। बताया कि, कुरआन और हदीस के मुताबिक बुराइयों के खात्मे, आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने,गरीबों, यतीमों, बेवाओं की मदद करने, बेरोजगारों को रोजगार के अवसर देने, गरीब छात्रों की शिक्षा के क्षेत्र में मदद करने, मदारिस की मदद करने, गरीब बच्चियों की शादी कराने में आर्थिक मदद देने और गरीबों को खाना कपड़े आदि उनके उत्थान में रमजान का यह महीना अहम किरदार अदा करता है।रमजान के पवित्र महीने में जकात, फित्रा देना विशेष पुण्य का काम है।