गढीपुख्ता। कस्बे के मौहल्ला कश्यपपुरी में बुधवार से श्रीरामकथा का शुभारंभ हो गया। कथा से पूर्व कस्बे में ढोल नगाडों के साथ कलश यात्रा निकाली गयी। इस अवसर पर कथावाचक राकेश उपाध्याय ने कहा कि श्रीराम कथा जीवन के आचरणों का मूलमंत्र है, आचरण के बिना जीवन निष्प्राण देह के समान है। जानकारी के अनुसार कस्बे के मौहल्ला कश्यपपुरी में डा. रामनिवास बागडी के आवास पर बुधवार को श्रीराम कथा का समाजसेवी अंकुज चौधरी ने फीता काटकर शुभारंभ किया गया। कथा से पूर्व कस्बे में ढोल नगाडों के साथ कलश यात्रा भी निकाली गयी। कलश यात्रा डा. रामनिवास बागडी के आवास से प्रारंभ होकर मैन बाजार व मुख्य गलियों से होतके हुए वापस कथास्थल पर जाकर संपन्न हुई। कलश यात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर कथावाचक राकेश उपाध्याय ने कहा कि कलश यात्रा एक संगठन का मूलमंत्र है, कलश यात्रा में श्री रामकथा का संदेश छिपा हुआ है। यह कलश यात्रा जाति, वर्ण से ऊपर उरूठकर हमें एकता का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा जीवन के आचरणों का मूलमंत्र है। आचरण के बिना जीवन निष्प्राण देह के समान है। उन्होंने प्रथम दिन आयोजित कथा में बताया कि शिव पार्वती के बीच का संवाद शंकाओं का समाधान करता है। भारद्वाज व यागबलिक का प्रसंग भक्ति का निरूपण करता है। काग भूषंडी एवं गरूड के बीच का मंथन का ज्ञान व वैराग्य का प्रतीक है। श्रीराम कथा ज्ञान, भक्ति का महान यज्ञ है। इस दौरान राजेन्द्र शर्मा, टेकचंद मित्तल, नरोत्तम लाला, मुकेश लाला, मा. नरेश सैनी, मा. राजबीर सैनी, सुमन बागडी, मुकेश देवी, विशाल बागडी, अशोक बागडी सहित अन्य श्रद्धालु भी मौजूद रहे।