अतीक-अशरफ के नाम से सद्दाम ने 300 करोड़ की प्रापर्टी में किया था निवेश

बरेली। माफिया अतीक व अशरफ के जेल में बंद होने के बाद साले सद्दाम ने ही पूरा धंधा संभाल रखा था। सद्दाम की गिरफ्तारी के बाद जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है। इस बात पर मुहर लगती जा रही है। जांच में सामने आया कि सद्दाम ने प्रयागराज में अतीक व अशरफ के नाम से 300 करोड़ रुपये की प्रापर्टी में निवेश किया। इस काम के लिए धूमनगंज के दो गुर्गे सद्दाम के मददगार बने।
सद्दाम के वांछित होने के बाद दोनों ही प्रापर्टी की देख-रेख भी कर रहे है। इधर, पीलीभीत बाईपास रोड स्थित एक बरातघर मालिक भी सद्दाम के बराबर संपर्क में था। इस बात पर करीब-करीब मुहर लग गई है। दरसअल, सद्दाम की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को पांच लोगों की कुंडली हाथ लगी थे जिसमें बरेली के तीन व प्रयागराज के दो लोग शामिल थे।
शुरुआती जांच में पता चला कि बरेली के जिन तीन लोगों के नाम सामने आए। उनकी पहचान इज्जतनगर निवासी एक प्रापर्टी डीलर, बारादरी निवासी एक प्लाईवुड कारोबारी व प्रेमनगर निवासी एक मोबाइल कारोबारी के रूप में हुई। प्रयागराज के जिन दो लोगों के पुलिस को नंबर मिले, उनकी पहचान धूमनगंज निवासी के रूप में हुई। इसी के बाद पुलिस ने एक-दूसरे का कनेक्शन खंगाला शुरू किया। साफ हो गया कि आरोपित प्रापर्टी के सिलसिले में ही सद्दाम से जुड़े।
बरेली के तीनों कारोबारी स्थानीय स्तर पर विवादित जमीनें सद्दाम को बताते। फिर उस पर कब्जे की योजना तय होती। पीलीभीत बाईपास रोड स्थित एक बरातघर मालिक के बारे में सुराग भी पुख्ता हो रहे हैं। एक विवादित जमीन का काम निपटाने के लिए सद्दाम के खाते में उसके द्वारा पैसे भेजे गए हैं। पुलिस इस संबंध में बरातघर मालिक से पूछताछ की तैयारी में है।
यह भी पता चला कि यह सभी ही सद्दाम के जरिये ही प्रयागराज के धूमनगंज के रहने वाले दोनों गुर्गों के संपर्क में भी थे। सद्दाम के साथ प्रयागराज के दोनों गुर्गे बरेली भी आए, तो एक-दूसरे की मुलाकात भी हुई। फिलहाल, जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है। सद्दाम के नेटवर्क का राजफाश हो रहा है।
पुलिस कस्टडी रिमांड से खुलेंगे कई राज
कूटरचित दस्तावेजों के जरिये बारादरी में किराये का मकान हथियाने के मामले में आरोपित को तलब करने के लिए बुधवार को विवेचक की ओर से कोर्ट में अर्जी लगाई गई। तलबी के बाद पुलिस संबंधित मुकदमे में पूछताछ के लिए आरोपित को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी में है। ऐसे में पुलिस कस्टडी रिमांड पर कई और चौकाने वाले राजफाश हो सकते हैं। स्थानीय स्तर पर कई और मददगार बेनकाब हो सकते हैं।
जेल में शिफ्ट किये जाने की कार्रवाई तेज
आरोपित सद्दाम को गैर जनपद की जेल में शिफ्ट किये जाने को लेकर अंदरखाने कार्रवाई तेज हो गई है। जिला जेल में अशरफ को अवैध रूप से सद्दाम के नेटवर्क के जरिये ही सुविधाएं मिलतीं थी। अब सद्दाम उसी जेल में हैं। उसके चलते जेल के कई कर्मियों पर प्राथमिकी हो गई। उन्हें जेल जाना पड़ा। ऐसे में चर्चा है कि जेल प्रशासन अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। उसे गैर जनपद शिफ्ट किये जाने को लेकर कवायद चल रही है।