यूपी के हरदोई में द‍िल्‍ली जैसा कांड, कार के बुल गार्ड में फंसा छात्र, एक किलोमीटर तक घिसटता रहा

यूपी के हरदोई में द‍िल्‍ली जैसा कांड, कार के बुल गार्ड में फंसा छात्र, एक किलोमीटर तक घिसटता रहा

हरदोई में दिल्ली जैसी घटना हुई है। ट्यूशन पढ़कर लौट रहे साइकिल सवार छात्र का पैर एक कार में फंस गया। ड्राइवर कार रोकने की जगह छात्र को करीब 1 किलोमीटर तक घसीटता ले गया। पीछा कर लोगों ने कार को आगे से घेरकर रोक लिया और ड्राइवर की पिटाई कर दी। कार में तोड़-फोड़ कर जलाने की कोशिश की।

मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात को संभाला। घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

छात्र को घिसटता देख सिपाही पीछे दौड़े
घटना कोतवाली शहर इलाके में शुक्रवार शाम करीब 5 बजे की है। दरअसल, CDO आवास के पीछे स्थित मोहल्ला झबरा पुरवा में रहने वाला केतन (16) अपने साथी अंश और कुणाल के साथ अलग-अलग साइकिल से कोचिंग जा रहा था।

ये तीनों छात्र सोल्जर बोर्ड चौराहे पर पहुंचे थे। तभी नघेटा रोड की ओर से तेज रफ्तार में आ रही वैगरआर कार ने केतन की साइकिल में टक्कर मार दी। इससे केतन का पैर कार में फंस गया। यह देखकर साथी कुणाल और अंश ने शोर मचाया। इससे कार ड्राइवर जितेंद्र निवासी मढ़िया शुक्ला ने कार को की स्पीड और तेज कर दी। इसके चलते कार छात्र को घसीटते घंटाघर मार्ग से होते हुए अशरफ टोला वाली गली से सिनेमा रोड पर पहुंच गई। वहीं पास में पुलिस पिकेट भी थी। यह देख दो सिपाहियों ने कार के पीछे दौड़ लगा दी। इसी बीच सिनेमा रोड पर मुख्य बाजार में कार जाम में फंस गई। पुलिस ने छात्र को मेडिकल कालेज भिजवाया
इसके बाद भीड़ ने पहले तो फंसे हुए छात्र को बाहर निकाला। उसे मेडिकल कॉलेज भिजवाया। इसके बाद ड्राइवर की जमकर पिटाई कर दी। भीड़ इतने में ही नहीं मानी, उसने कार के शीशे तोड़ दिए। गाड़ी को पलट दिया और फूंकने की कोशिश की। इसी बीच पुलिस पहुंच गई। भीड़ को संभाला। ड्राइवर को हिरासत में ले लिया।

सीओ बघौली विकास जायसवाल का कहना है कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच की जा रही है। घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहां उसका इलाज चल रहा है। छात्र के पैर में चोट आई है।

पीड़ित बोला- लग रहा था मौत बिल्कुल करीब है

घायल छात्र केतन ने बताया कि मैं अपने दो दोस्तों के साथ कचहरी वाली रोड से जा रहा था। इतने में एक कार पीछे से आई, तो मैंने साइकिल रोक दी। कार मुझसे एकदम सटी हुई थी। जिस कारण डिसबैलेंस हो गया और मेरा पैर कार में पीछे फंस गया।

कार वाला पहले रुका, लेकिन जब लोग चिल्लाए और दौड़े तो डर के मारे कार चालक ने कार भगानी शुरू कर दी। लगभग 10 मिनट तक रोड पर मैं घिसटता रहा। हाथ और पैर में बेइंतेहा दर्द हुआ और यह लग रहा था कि मौत अब बिल्कुल करीब है।