प्रशासन ने किसान नेताओं को किया नज़रबंद, मुख्यमंत्री से मिल कर अपनी समस्याओं को बताने जा रहे थे अन्नदाता
जवानों व किसानों के प्रति हमारी सरकार का नजरिया उदार होने के बावजूद भी अखिर क्यों नहीं निस्तारित करता स्थानीय प्रशासन उनकी समस्याएं ?आखिर क्यों शाँति आंदोलनों के बल पर मिली आजादी के इतिहास को झुठलाया जा रहा ?एक बार फिर स्थानीय प्रशासन चल रहा रोलेट एक्ट की तर्ज पर।स्थानीय प्रशासक जनरल ओ डायर बनने पर आमादा
गौतमबुद्ध नगर (समाचार डेस्क)। किसानों और मजदूरों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने जा रहे भारतीय किसान संगठन एकता के प्रदेश महासचिव मोनू यादव समेत कई प्रमुख किसान नेताओं को प्रशासन ने नजरबंद कर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार,बीते दिनो सुबह से ही प्रशासन ने किसान नेताओं के आवासों के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया और सभी नेताओं को उनके घरों में कैद कर दिया।
मुख़्यमंत्री से मिलने जा रहे थे किसान संगठन के प्रदेश महासचिव मोनू यादव
ये नेता किये गये नज़रबंद (हाऊस अरेस्ट)
मोनू यादव (प्रदेश महासचिव, भारतीय किसान संगठन एकता)
सुनील यादव (समाजसेवी एवं किसान नेता)
सोनू यादव (किसान नेता)
अरुण यादव (किसान नेता)
प्रवीण कुमार
अमित नेता जी
मोनू नेता जी
मुलायम सिंह (कृषक एवं सह-संचालक, माँ की रसोईं)
क्या है मामला?
बताया जा रहा है कि करीब एक सप्ताह पूर्व किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने मेरठ में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक और राज्य ऊर्जा मंत्री के कार्यालय पहुंचकर बिजली विभाग की मनमानी और वितरण में गड़बड़ियों को लेकर शिकायती पत्र सौंपा था। अधिकारियों द्वारा जल्द समस्या समाधान का आश्वासन दिया गया था, लेकिन एक सप्ताह बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
समस्याओं के समाधान के लिए किसान नेताओं ने मुख्यमंत्री से सीधे मुलाकात की योजना बनाई थी, ताकि किसानों की आवाज़ सरकार तक पहुंचाई जा सके। लेकिन प्रशासन ने इससे पहले ही कार्रवाई करते हुए सभी नेताओं को नजरबंद कर दिया।
किसानों में भारी रोष,आंदोलन की चेतावनी
इस घटनाक्रम के बाद किसान संगठनों में आक्रोश व्याप्त है। भारतीय किसान संगठन एकता ने प्रशासन की कार्रवाई को अलोकतांत्रिक करार देते हुए कहा है कि यदि किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन किया जाएगा।
"किसानों की आवाज़ दबाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर प्रशासन अपनी मनमानी नहीं रोकेगा तो जल्द ही बड़ा आंदोलन किया जाएगा।" - किसान नेताओं का बयान।
फिलहाल की गई शिकायतों का समाधान अब तक शून्य होने और पीड़ित किसानों की आवाज को माननीय मुख़्य मंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचने से रोंकने के कारण़ माहौल तनावपूर्ण एवं किसानों में असंतोष बना हुआ है।