ई रिक्शा की बढ़ती अराजकता पर मुख़्यमंत्री हुऐ सख़्त,नये पंजीकरण पर लगेगी रोंक
महेंद्र राज ( मण्डल प्रभारी )
राजधानी लखनऊ समेत कई पड़ोसी जनपदों में ई-रिक्शा के संचालन की पहेली सुलझने का नाम नहीं ले रही है।यातायात व परिवहन विभाग के सारे प्रयास कागजों तक सीमित हो कर रह गये हैं।ई रिक्सा की बढ़ती संख्या व संचालन की अराजकता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन के आवास पर जाने के रास्ते में जगह-जगह बेतरतीब दौड़ते ई-रिक्शा के रूप मे नुमाया हुई।संचालन की इस अराजकता पर मुख्यमंत्री के तेवर देख अब ई-रिक्शा का रूटवार संचालन कराने की कवायद तेज हुई है।
बताते चलें कि मथुरा जिले ने ई-रिक्शा का पंजीकरण प्रतिबंधित करके राजधानी को भी सम राह दिखाई है।अब उसी रास्ते पर बढ़ने के आसार हैं।जहाँ मथुरा जिले में सिर्फ 13546 ई-रिक्शा का पंजीकरण हो सका था और इनकी सड़क पर भीड़ से जगह-जगह जाम लग रहा था।वहीं,राजधानी लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर कार्यालय में 46372 का पंजीकरण हो चुका है,देवा रोड कार्यालय की संख्या जोड़े तो 50 हजार से अधिक ई-रिक्शा चल रहे हैं।
मथुरा यातायात विभाग ने तीन जून 2023 को संयुक्त पुलिस आयुक्त व जिलाधिकारी को पत्र भेजकर ई-रिक्शा का पंजीकरण रोकने का अनुरोध किया था लेकिन,अधिकारियों ने इस पर गौर ही नहीं किया था।
ऐसे लगाया प्रतिबंध एसएसपी मथुरा ने नौ अक्टूबर को जिलाधिकारी मथुरा को पत्र लिख कर पंजीकरण रोकने का अनुरोध किया। 18 अक्टूबर को मंडलायुक्त आगरा की अध्यक्षता में बैठक हुई इसमें उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 के नियम 178 में दिए प्रविधान के तहत मुहर लगा दी गई।एसएसपी मथुरा ने छह नवंबर को अधिसूचना जारी की। वरिष्ठ संभागीय परिवहन अधिकारी मथुरा प्रदीप कुमार सिंह ने 20 नवंबर से मथुरा ग्रामीण व नगर सीमा में नए ई-रिक्शा का पंजीकरण करने पर रोक लगा दी है।
प्रतिबंध संबंधी ये हैं नियम
किसी नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत के भीतर पुलिस अधीक्षक और अन्य क्षेत्र में रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी अपने-अपने अधिकारिता क्षेत्र के भीतर किसी क्षेत्र में या किसी सड़क पर गति पर निबंधन या सामान्यतया मोटरयानों या किसी विशिष्ट वर्ग या वर्गों के मोटरयानों के प्रयोग पर निबंधन या प्रतिषेध का ऐसा आदेश जैसा वह उचित समझे दे सकता है। ऐसे आदेश अधिसूचना द्वारा सरकारी गजट में और ऐसे स्थान या मार्ग पर या उसके निकट जहां से लागू होते हैं सूचना पटों के माध्यम से प्रकाशित किए जाएंगे। -उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 के नियम 178 में प्रविधान।