सहारनपुर नगर निगम मैं जनसुनवाई में आयी 12 शिकायतों में से पांच का हुआ निस्तारण

सहारनपुर नगर निगम मैं जनसुनवाई में आयी 12 शिकायतों में से पांच का हुआ निस्तारण

सहारनपुर। मंगलवार को नगर निगम में जनसुनवाई के दौरान अधिकाश लोग सड़कों व नाली निर्माण की समस्याओं को लेकर पहंुचे। 12 शिकायतकर्ता अपनी शिकायतों को लेकर आए, पांच शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया गया। जनसुनवाई मंे अपर नगरायुक्त राजेश यादव व सी के तिवारी के अलावा जी एम जलकल मनोज आर्य, एई निर्माण दानिश नकवी, प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल बी एस नेगी सहित अनेक अधिकारी मौजूद रहे। 

वार्ड 52 हसना वाली मस्जिद क्षेत्र के अजीम खां, वार्ड 63 हाकमशाह के जहांगीर मिर्जा, वार्ड 4 पंतविहार निवासी दीपक कुमार, वार्ड 06 निवासी जुलफान, शहजाद, नासिर व इरफान आदि तथा वार्ड 19 गोपाल नगर निवासी गर्वेश दत्त नाली-नाले के निर्माण की मांग को लेकर जनसुनवाई में पहंुचे, जिस पर अपर नगरायुक्त ने क्षेत्रीय अवर अभियंता को स्थलीय निरीक्षण कर आगणन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। वार्ड 67 के मौहम्मद आरिफ तथा वार्ड 4 के श्रवण कुमार मौर्य ने सड़क निर्माण की शिकायत की। इनके सम्बंध में भी अवर अभियंता को आगणन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसके अलावा वार्ड 69 निवासी महताब ने अवैध निर्माण की शिकायत तथा वार्ड 35 मोरगंज निवासी रतना देवी ने अतिक्रमण की शिकायत की। बाजोरिया रोड, न्यू भगतसिंह कॉलोनी निवासी सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी शिवप्रकाश सैनी मकान के पीछे एक अन्य व्यक्ति द्वारा अतिक्रमण की शिकायत लेकर पहुंचे। उन्होंने अपने पड़ौसी पर सरकारी सड़क पर कब्जा कर उसे अपने कैम्पस में मिला लेने का आरोप लगाते हुए अतिक्रमण हटवाने की मांग की। उक्त मामलों में जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए।

वार्ड 39 के पार्षद प्रदीप उपाध्याय ने क्षेत्र में अवैध रुप से पशु डेरी संचालन की शिकायत की, जिस पर कार्यवाही करते हुए पशुडेरी संचालक के विरुद्ध निगम के पशुपालन अधिकारी द्वारा नोटिस निर्गत कर दिया गया। पार्षद प्रदीप उपाध्याय द्वारा ही क्षेत्र की गांधी कालोनी में ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण मानचित्र के अनुसार न किये जाने की शिकायत की। इस पर सम्बद्ध अधिकारी ने बताया कि जिस स्थान पर सड़क का निर्माण किया गया है, वहां मानचित्र के अनुसार ही कार्य कराया गया है। मानचित्र में वर्णित शेष भाग पर कार्य होना है, वहां भराव की आवश्यकता है। तत्कालीन अवर अभियंता द्वारा जो आगणन बनाया गया था उसमें मिट्टी भराव का प्रावधान नहीं किया गया था। बताया गया कि उक्त स्थान पर मिट्टी भराव की स्वीकृति होने के बाद ही नियमानुसार कार्य किया जा सकेगा।