दलाल व रिश्तेदारों के मोह में जकडे भ्रष्ट बीज गोदाम प्रभारी के खिलाफ हंगामा
माधौगढ़ रामपुरा ,जालौन । किसानों को उत्तम किस्म का बीज निशुल्क उपलब्ध करवा सरकार प्रदेश द्वारा संचालित कृषि उपज को बढ़ाने की योजना को पलीता लगाते हुए भृष्ट बीज गोदाम प्रभारी अपने रिश्तेदारों व दलालों के मोह जाल में फंस कर बेईमानी का नंगा नाच कर रहा है। परिणाम स्वरुप किसानों ने बीज गोदाम पर जंग जमकर हंगामा काट चोर चोर के नारे लगाए।
उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों की तरह विकासखंड रामपुरा क्षेत्र में भी सरकारी बीज गोदाम पर शासन द्वारा लाही चना मसूर बीज का निशुल्क वितरण हो रहा है। पूरे जिले में अन्य बीज गोदामों पर शांतिपूर्ण ढंग से निशुल्क बीज का वितरण हो चुका है अथवा हो रहा है लेकिन विकासखंड रामपुरा के बीज गोदाम प्रभारी गजेंद्र सिंह की स्वार्थी व बेईमानी युक्त वितरण नीति का यह परिणाम निकला कि गत 4 दिन से बीज गोदाम रामपुरा पर आकर किसान पूरा दिन बिताकर खाली हाथ वापस जा रहे हैं व शाम को अनेक मोटरसाइकिलों पर चना व लाही मसूर बीज की किट लदी हुई जाते देख विना बीज पाए किसानो की छाती पर सांप लोट रहा है । गौर तलब यह है कि कुछ दलाल किस्म के लोग दूर बैठै खतौनी,आधार कार्ड , किसान पंजीयन व पासबुक की छायाप्रति संग्रह करते हुए व सूची बनाते देखे जाते है जिन्हे शाम को बीज किट बाटी जाती है। इस संदर्भ में अनेक समाचार पत्रों ने बीज गोदाम प्रभारी गजेंद्र सिंह के काले कारनामा को उजागर किया इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही न होने से वह अपने भ्रष्टाचार को पुष्पित पल्लवित करता रहा। अन्तोगत्वा आज मंगलवार को किसानों का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने गजेंद्र प्रभारी चोर है, गोदाम प्रभारी चोर है के नारों के साथ हंगामा करना शुरु कर दिया। स्थिति बिगड़ने की जानकारी मिलने पर खंड विकास अधिकारी ओम प्रकाश द्विवेदी , थाना अध्यक्ष रामपुरा राजीव कुमार सिंह बैस (पुलिस बल सहित), सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) भारत सिंह ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित किसानों से बात कर स्थिति को सम्हालने का प्रयास किया और शांत रहने की अपील कर सभी पात्र किसानों को बीज उपलब्ध कराने का वादा कर भ्रष्ट बीज गोदाम प्रभारी गजेंद्र सिंह के विरुद्ध संबंधित अधिकारियों तक शिकायत पहुंचाने व कार्यवाही कराने का आश्वासन दिया । विकास खंड अधिकारी ओपी द्विवेदी , थानाध्यक्ष रामपुरा राजीव कुमार सिंह बैस के आश्वासन पर आक्रोशित ग्रामीण किसान बमुश्किल शांत हुए।