भगवान ही बचाए मौत के इन यमदूतों से

भगवान ही बचाए मौत के इन यमदूतों से

सड़कों पर खतरे बने ओवरलोड वाहनों से निगाहे फेर रहे है अफसर।

परीक्षितगढ़ वरिष्ठ संवाददाता रवि गौतम।

परीक्षितगढ़ कस्बे की सड़कों से रोज ओवरलोड वाहन बेखौफ होकर गुजरते हैं। इन भीमकाया वाहनो से भगवान ही बचाए, मौत के दूत बनकर सड़कों पर गुजर रहे है। इन ओवरलोड वाहनों को देखकर अधिकारियों से लेकर पुलिस तक की निगाहें झूक जाती है। ओवरलोड वाहन उनके सामने से ही गुजर जाते है। तमाम आदेशों के बावजूद भी इन पर लगाम नहीं कसी जा रही है। ट्रैक्टर ट्रॉली रेत धोने का काम करती है। लेकिन इनका व्यवसायिक पंजीकरण तक नहीं है। अलग से पंजीकरण कराना होता है। व्यापक स्तर पर राजस्व की चोरी की जा रही है। इन पर शिकंजा आरटीओ भी नहीं कर पा रहे है।

अखिर कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने के लालच ने वाहनों को ओवरलोड बना दिया है। इन वाहनों से होनी वाली मोटी कमाई ने अधिकारियों की आंख मुदने को मजबूर कर दिया है। प्रतिदिन हजारों ओवरलोड वाहन कस्बे के चौराहों से बेखौफ होकर गुजर जाते है। लेकिन अधिकारी ओवरलोड वाहनों की चैकिंग भी नहीं करते है लेकिन सुनसान चौराहों पर सड़कों के किनारे खड़े वाहन चालक और | आरटीओ विभाग के कर्मचारियों द्वारा जरा सी बात हुई नहीं की ओवरलोड वाहन फिर से सड़कों पर दौड़ने लगते है। पुलिसकर्मी भी चैक पोस्ट पर बैरियर लगाए खड़े रहते है। पुलिस कर्मी इन ओवरलोड वाहनों को रूकने का इशारा बेखूबी करते है। लेकिन चलते वाहनो से एक दोस्ती भरा हाथ बहार निकालता है। और पुलिसकर्मी उसे अपने दिल से लगा लेते है। और ओवरलोड वाहन अपनी मंजिल को और दौड़ पड़ते है। थाने के समाने, मवाना, किठौर, मेरठ बस स्टैंड व चौराहों पर पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। आरटीओ कर्मी भी ओवरलोड वाहनों को देखकर नजरे फेर लेते है। आरटीओ विभाग की और से ओवरलोड वाहनों को रोकने का दावे किए जाते हैं। हकीकत से बिलकुल जुदा है दावे आरटीओ विभाग द्वारा अभियान चलाकर जनता और मीडिया से वाहवाही भी लूटी जाती है। ओवरलोड वाहन बेखौफ सड़कों पर दौड़ लगाते रहते है। जिससे आरटीओ विभाग की पोल खुल जाती है। ओवरलोड वाहनों से सरकारी राजस्व को भी नुकसान होता है। खतरनाक ढंग से दौड़ रहे ओवरलोड़ कानों से आम जनता अन्य वाहन चालकों को खतरा बना रहता है। ओवरलोड़ चाहनों के कारण ही समय से पहले ही सड़क क्षतिग्रस्त हो जाती है। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। न जाने कब अधिकारियों को नींद टूटेगी

गन्ने  के ओवरलोड ट्रक ने ई रिक्शा चालक की जान ली।

दो दिन पूर्व ग्राम अमरसिंहपुर निवास ई रिक्शा चालक २३ वर्षीय युवक सोनू कश्यप पुत्र वरुण को नगर पंचायत कार्यालय के समीप सामने से आ रहे ओवरलोड गन्ने के ट्रक ने ई रिक्शा को अपनी चपेट में ले लिया था। जिससे चालक सोनू की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। ऐसा यह पहला मामना नहीं है। इससे पहले भी ओवरलोड वाहनों के कारण लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन शासन प्रशासन को लोगों की जान की कोई परवाह नहीं है। क्षेत्रिय लोगों ने इन पर शिकंजा कसने की मांग की है।

बेकाबू बनकर दोड़ते है ओवरलोड वाहन ।

नगर में ओवरलोड वाहन धीमी गति से चलने की बजाए तेज गति से दौड़ रहे है। सामने से आ रहे वाहन को बचाने के चक्कर में चालक अनियंत्रित खो देते है। जिससे ओवरलोड वाहनों की चपेट में आने से अन्य वाहन चालकों व सड़क पर खड़े लोग इनका शिकार बन जाते हैं। हादसे इतने भयवह होते है। लोगों की रूह तक काँप जाती है। उसके बावजूद भी इन पर कार्रवाई नहीं हो पाती है। अगर पुलिस प्रशासन इन पर कड़ी कार्रवाई करे तो लोगों की जान बच सकती है।