यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं, शारीरिक और मानसिक स्वस्थता प्रदान करने की दोहरी क्षमता योग के अलावा किसी अन्य पद्धति में नहींं : रवि शास्त्री

यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं, शारीरिक और मानसिक स्वस्थता प्रदान करने की दोहरी क्षमता योग के अलावा किसी अन्य पद्धति में नहींं : रवि शास्त्री

ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक

बडौत | जिला आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा आयोजित चौधरी केहर सिंह दिव्य पब्लिक स्कूल में चल रहे योग एवं चरित्र निर्माण आवासीय शिविर के छठवें दिन जिला मंत्री रवि शास्त्री ने आर्य वीरो को योगासन सिखाते हुए कहा, योग के द्वारा शरीर के साथ साथ मानसिक स्वस्थता भी सुनिश्चित होती है , अन्य किसी चिकित्सा पद्धति में दोहरा लाभ दिलाने की क्षमता नहींं है। इस अवसर पर आर्य वीरों को सर्वांगासन, हलासन, उत्तानपादासन, मकरासन, धनुरासन, वज्रासन, ताड़ासन, गोमुखासनआदि का अभ्यास कराते हुए ध्यान का भी अभ्यास कराया गया। 

आर्य विद्वान ने बताया कि, ध्यान के द्वारा व्यक्ति अपने मन को केंद्रित कर सकता है तथा नियमित अभ्यास से डिप्रेशन को भी दूर किया जा सकता है | इसलिए मानसिक शांति चाहने वालों को प्रतिदिन ध्यान करना चाहिए। विद्यार्थियों के लिए यह ध्यान एक आवश्यक क्रिया है, जिसके द्वारा विद्यार्थियों को सकारात्मक विचारों का संग्रह करना चाहिए। कहा, जो विद्यार्थी प्रतिदिन ध्यान करेंगे, वे जीवन में अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेंगे। 

आचार्य धर्मवीर आर्य ने आर्य वीरों का यज्ञोपवीत संस्कार कराते हुए कहा, यज्ञोपवीत हमारी संस्कृति का आधार है, जिसे परम पवित्र माना गया है।इस अवसर पर सभा कोषाध्यक्ष कपिल आर्य, प्रधानाचार्य रामपाल सिंह, धर्मपाल त्यागी, आचार्य दीपक, मामचंद आर्य, भोला पहलवान, राष्ट्र वर्धन मुनि, धर्मेंद्र आर्य, विनय आर्य, उदय मुनि, रवि प्रधान आदि उपस्थित रहे।