षड्यंत्र के तहत पत्रकार को दुष्कर्म के मामले में फसाया

एफआइआर में नहीं था नाम न्यायालय में 164 में जानबूझकर लगाया गया आरोप

षड्यंत्र के तहत पत्रकार को दुष्कर्म के मामले में फसाया

षड्यंत्र के तहत पत्रकार को दुष्कर्म के मामले में फसाया

एफआइआर में नहीं था नाम न्यायालय में 164 में जानबूझकर लगाया गया आरोप

शामली जनपद में एक बार फिर राजनीतिक दुर्भावना एवं पत्रकारों की खींचतान के बीच पत्रकार के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में षड्यंत्र रचकर 164 के बयान में युवती से पत्रकार पर आरोप लगाकर फसाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में शामली जनपद में पत्रकारों में आक्रोश है और पत्रकारों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है। पूर्व में भी पत्रकार फरमान के खिलाफ दो बार फर्जी मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं। जिसमें पत्रकारों के आंदोलन के बाद पत्रकार के नामजदगी फर्जी पाई गई थी।

शामली जनपद के थानाभवन थाने पर कस्बा निवासी युवती ने तीन अस्पताल संचालकों के खिलाफ नहाते वक्त वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने एवं दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। जिसकी खबर भी मीडिया में प्रकाशित हुई थी। हालांकि जिन पत्रकार साथियों ने पीड़िता की खबर प्रकाशित करते हुए पीड़िता की मदद की थी तथा कथित पीड़िता ने मुकदमा दर्ज होने के बाद न्यायालय में मजिस्ट्रेट के सामने कस्बा थानाभवन में ही पत्रकार का काम करने वाले एक दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता फरमान अली के खिलाफ भी दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है। तथाकथित पीड़िता ने एफ.आई.आर में तीन अस्पताल संचालकों के खिलाफ मुकदमा लिखवाया था, लेकिन न्यायालय में अन्य और तीन लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। जिनमें से एक नाम पत्रकार फ़रमान का भी लिया गया है। शामली के पत्रकार संगठन ने जिलाधिकारी से मिलकर मामले में निष्पक्ष रूप से जांच की मांग की तो जिला अधिकारी अविन्द चौहान ने एडीएम शामली एवं एडिशनल एसपी को भी जांच सौंपी है एवं आख्या रिपोर्ट मांगी है। लेकिन पत्रकार का नाम 164 में सामने आते ही पुलिस भी लगातार पत्रकार एवं उसके परिजनों पर दबिश देकर गिरफ्तारी का दबाव बना रही है। जबकि अन्य किसी भी आरोपी के खिलाफ अभी तक पुलिस कोई कार्यवाही नही कर सकी है। वहीं इससे पूर्व भी स्थानीय रंजिश के कारण पत्रकार फरमान के खिलाफ एक झगड़े में हुई हत्या के मामले एवं फर्जी एससी एसटी एक्ट के मुकदमे भी दर्ज कराए जा चुके हैं। जिसमें आंदोलन के बाद जांच में फरमान की फर्जी नामजदगी पाई गई थी और पत्रकार निर्दोष साबित हुआ था,लेकिन एक बार फिर षड्यंत्र के तहत पत्रकार को दुष्कर्म के मामले में झूठा नाम लेकर फसाया जा रहा है। जिससे जनपद भर के पत्रकारों में आक्रोश है और पत्रकार प्रदेश भर में आंदोलन करने एवं सड़कों पर उतरने की चेतावनी दे रहे हैं। शामली में आए दिन पत्रकारों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करके पत्रकारों का उत्पीड़न किया जा रहा है। इससे पूर्व कांधला एवं कैराना व शामली में कई पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करके पत्रकारों का उत्पीड़न किया जा चुका है।