आर्य व्यायामशाला का 113 वां वार्षिक समारोह शुरू, वैदिक विद्वानों ने यज्ञीय संस्कृति को अपनाने का किया आह्वान
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संवाददाता अमित जैन
छपरौली। स्थानीय आर्य व्यायामशाला में शुरू हुआ दो दिवसीय 113 वां वार्षिकोत्सव।श्रद्धालुओं, आर्य समाज के पक्षधरों सहित युवाओं के उज्ज्वल भविष्य में व्यायामशाला के प्रशंसकों ने भी प्रतिभाग किया और आहुतियां डाली।
छपरौली कस्बे में आर्य व्यायामशाला में दो दिवसीय वार्षिक उत्सव का आयोजन किया। इसमें प्रदेश व अनेक राज्यों से आए आर्य समाज के लोगों एवं पदाधिकारियों ने भाग लिया। वार्षिक उत्सव में डांगरोल से आए सोमपाल आर्य ने गांव व देश की सुख समृद्धि के लिए हवन कराया,यज्ञमान कुश्ती कोच धर्मेंद्र खोखर द्वारा हवन संपन्न कराया गया।
इस दौरान उपस्थित लोगों को वैदिक प्रवक्ता व नजफगढ़ से आए आचार्य यशवीर ने कहा कि ,आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने देश को आजाद कराने के लिए बहुत योगदान दिया था। देश में घूमते-घूमते समाज को जागृत किया। इसी प्रकार की जागृति के ककारण ही राष्ट्र आज़ाद हो सका। स्वामी दयानंद सरस्वती ने नारी शिक्षा, मूर्ति पूजा समाज में संस्कृति पाखंड का विरोध किया था।
कार्यक्रम के संचालक व आर्य समाज के प्रधान एड श्याम सिंह खोखर ने कहा कि, वेद ज्ञान ही अमृत ज्ञान है, जिसे हर व्यक्ति को लेना चाहिए। इस अवसर पर मंत्री एड भूपेंद्र वशिष्ठ, कोषाध्यक्ष चौ ज्ञानेंद्र सिंह, डॉ भोपाल सिंह आर्य, प्रधानाचार्य जितेंद्र आर्य, योगेंद्र शास्त्री, रणपाल सिंह, नरेंद्र पहलवान, धर्मेंद्र पहलवान, आदि आर्य समाज के लोग उपस्थित रहे।