बोले स्वामी दीपांकर, जातिवाद से दूर होकर एक हो रहा है सनातन, नगर पालिका कार्यालय पहुंचे स्वामी जी का हुआ स्वागत

बोले स्वामी दीपांकर, जातिवाद से दूर होकर एक हो रहा है सनातन, नगर पालिका कार्यालय पहुंचे स्वामी जी का हुआ स्वागत

संवाददाता नीतीश कौशिक

खेकड़ा। भिक्षा यात्रा हेतु सवा दो साल से अधिक समय से हिन्दुओं के मध्य जाने का शगल। वह भी अन्न व धन आदि की भिक्षा के लिए नहींं, बल्कि हिन्दुओं को आपसी द्वेष भुलाने, खत्म करने और एकजुट होकर मिलजुल कर रहने की भीख या प्रेरणा स्वामी दीपंकर का शगल है और यह उन्हें उस समय ओर भी अच्छा लगता है, जब भेदभाव, द्वेष, ईर्ष्या के कारण बढती दूरियां उनके प्रयास से घटने लगती हैं। 

भिक्षा के इसी क्रम में कस्बे में शनिवार को नगरपालिका कार्यालय पहुंचे स्वामी दीपांकर का स्वागत किया गया, जहां उन्होंने कहा कि, जातिवाद से दूर होकर सनातन अब एक हो रहा है। लोगों के जहन में अब सबसे पहले देश का सिद्धांत चरम पर है।

आठ साल की उम्र में गुरु ब्रह्मानंद सरस्वती के सानिध्य में दीक्षा लेने वाले मुजफफरनगर में जन्मे स्वामी दीपांकर शनिवार को नगरपालिका खेकड़ा कार्यालय पहुंचे। वहां चेयरमेन प्रतिनिधि डा सुरेन्द्र धामा और सुनील धामा ने उनका फूलमालाओं स्वागत किया। उनको धातु से बनी भगवान की प्रतिमाएं भेंट की। मौजूद लोगों को प्रवचन करते हुए स्वामी दीपांकर ने कहा कि, जातियों में बंटा सनातन अब एक हो रहा है, जिससे भारत मजबूत हो रहा है। सबसे पहले देश का सिद्धांत अपनाकर देश सशक्त हो रहा है। सभी भारतवासी एक होकर विश्व गुरू रहे भारत को फिर से अपने स्थान पर खडा करने में जुटे हैं। नीरज धामा, मनोज धामा, अमित धामा, वेदपाल, संदीप, बिट्टू, शिवा, पिंटू, विनोद आदि मौजूद व्यक्तियों ने उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। कुछ देर ठहर कर स्वामी दीपांकर गन्तव्य को निकल गए।