चित्रकूट-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कराए कायों को समय सीमा के अंदर कराएं पूर्ण - डीएम।

चित्रकूट-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कराए कायों को समय सीमा के अंदर कराएं पूर्ण - डीएम।

चित्रकूट: जिलाधिकारी अभिषेक आनन्द की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत वाटर शेड विकास घटक-2.0 वाटर शेड सेल कम डाटा सेंटर (डब्ल्यू सीडीसी), जिला समिति की बैठक कलेक्टरेट सभागार में हुई।

    जिलाधिकारी ने वाटर शेड विकास घटक, परियोजना का उद्देश्य, माइकों वाटर शेड, डब्ल्यू डीसी योजना के अंतर्गत उपलब्ध धनराशि की मदवार प्रगति, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, आजीविका संवर्धन, उत्पादन प्रणाली, मिट्टी पानी और अन्य संसाधनों का संरक्षण करना और भूजल पुनर्भरण के लिए सिस्टम का उपयोग, प्राकृतिक खतरों के प्रभावो को कम करना आदि विभिन्न संचालित योजनाओं की समीक्षा बिन्दुवार किया।

    जिलाधिकारी ने गत वर्ष के कार्यों की समीक्षा करते हुए संयुक्त कृषि निदेशक भूमि संरक्षण बांदा एवं उपनिदेशक कृषि को निर्देश दिए कि जो कार्य वित्तीय वर्ष में कराए गए हैं वह संतोषजनक नहीं है, लगातार समीक्षा करके प्रगति कराए। उन्होंने भूमि संरक्षण अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जो कार्य कराए जाने हैं, उन्हें समय सीमा के अंदर पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि हैंडपंपों के पास शोक पिट भी बनाया जाए। वाटर शेड विकास घटक के अंतर्गत जो भी कार्य कराया जाए, उसमें वृक्षारोपण का भी प्रावधान करें तथा फलदार पौधे भी लगवाए जाए जो कार्य इस योजना के अंतर्गत कराए जा रहे हैं, उनमें बोर्ड अवश्य लगाया जाए। संयुक्त कृषि निदेशक भूमि संरक्षण बांदा ने बताया कि वर्षा जल संचयन के लिए भूमि संसाधन विभाग ग्रामीण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटर शेड विकास घटक के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश के 34 जनपदों में वाटर शेड विकास घटक की परियोजना स्वीकृत की गई है, जो यह परियोजना 5 वर्ष तक कार्य कराएगी। उन्होंने कहा कि जनपद में इस योजना के अंतर्गत विकासखंड कर्वी एवं पहाडी में 28 गांवों पर कार्य माइक्रो वाटर शेड के कराया जा रहा है, जिसमें परियोजना का कुल क्षेत्रफल 5800 हेक्टेयर एवं धनराशि 1276 लाख रुपए प्रस्तावित है। जिसमें 5 वर्षों में योजना के अंतर्गत कार्यों को संतृप्त करना है। उन्होंने सभी भूमि संरक्षण अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत वाटर शेड विकास घटक के कार्यों को करने के लिए भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा निर्देश दिए गए हैं, उसी लाइन के अनुसार कार्यों को कराया जाए।

     इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर, संयुक्त कृषि निदेशक भूमि संरक्षण बांदा राजीव झां, उप निदेशक कृषि राजकुमार, सहायक निदेशक मत्स्य भानु चंद्रा, जिला उद्यान अधिकारी प्रतिभा पांडेय, अग्रणी जिला प्रबंधक इंडियन बैंक तुलसीराम, जिला पिछडा वर्ग कल्याण अधिकारी सुनहरी लाल, अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई पी के मिश्रा, अधिशासी अभियंता सिंचाई आशुतोष कुमार, भूमि संरक्षण अधिकारी तुलसीराम, राजकुमार आदि मौजूद रहे।