सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की नीति पर बसपा का फोकस, संगठन विस्तार को मिला नया आयाम।

सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की नीति पर बसपा का फोकस, संगठन विस्तार को मिला नया आयाम।

चित्रकूट ब्यूरो। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने संगठन को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर जनाधार बढ़ाने के लिए शुक्रवार को लमियारी सेक्टर में एक दिवसीय कैडर कैंप का आयोजन किया। इस दौरान गांव चलो अभियान के तहत पार्टी की नीतियों और विचारधारा का प्रचार-प्रसार किया गया।

कैम्प में चित्रकूट धाम मंडल बांदा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं मुख्य सेक्टर प्रभारी बल्देव प्रसाद वर्मा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बसपा एक कैडर आधारित पार्टी है, जो पूंजीपतियों के प्रभाव से मुक्त रहकर बहुजन समाज के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को पार्टी से जोड़ने पर विशेष जोर दिया जा रहा है ताकि बाबा साहब अंबेडकर के मिशन को और मजबूती मिले।

पूर्व सरकार के कार्यों को किया याद

बसपा जिलाध्यक्ष अधिवक्ता शिवबाबू वर्मा ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में चार बार सरकार बनी और हर बार सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की नीति पर काम हुआ। उन्होंने कहा कि गरीबी, बेरोजगारी, पलायन और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए बसपा सरकार ने जो कदम उठाए, वे आज भी जनता के दिलों में बसे हुए हैं।

उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि वर्तमान शासन में गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के जीवन स्तर में अपेक्षित सुधार का घोर अभाव है। अमेरिका से 104 भारतीयों को अपमानजनक तरीके से वापस भेजे जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह न केवल शर्मनाक है, बल्कि देश के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाला भी है।

मजबूत संगठन ही जीत की कुंजी

बसपा नेताओं ने कहा कि पार्टी अब कैडर आधारित रणनीति को अपनाते हुए सर्वसमाज में जनाधार बढ़ाने के लिए ठोस योजनाओं पर काम कर रही है। इस अवसर पर बामसेफ के जिला संयोजक बृजमोहन वर्मा, सदर विधानसभा अध्यक्ष सोनपाल वर्मा, प्रखर सिंह पटेल, लमियारी प्रधान लाल प्रताप सिंह, ममसी प्रधान रामकेश, राजेश रैकवार, विधानसभा प्रभारी शिवबरन वर्मा, सेक्टर अध्यक्ष अभिषेक कुमार वर्मा सहित कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे।

राजनीतिक विश्लेषण

विशेषज्ञों का मानना है कि बसपा का यह अभियान 2024 के लोकसभा चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए संगठन को फिर से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जमीनी स्तर पर पार्टी को कैडर मजबूती देने से चुनावी नतीजों में बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।

निष्कर्ष: बसपा ने एक बार फिर जमीनी स्तर पर संगठन को सशक्त बनाने और अपने मूल एजेंडे को धार देने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। अब देखने वाली बात होगी कि यह रणनीति आगामी चुनावों में कितनी असरदार साबित होती है।