ग्राम सभा से लेकर संसद तक ओबीसी में जनसंख्या के हिसाब से हो आरक्षण : राहुल कश्यप
बिहार के जातीय आंकड़े आने के बाद कश्यप समाज की मांग
बडौत। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अपने राज्य के दिए गए जातीय आंकड़े के बाद प्रदेश के कश्यप समाज ने जातीय आधार पर रोजगार तथा ग्राम पंचायत से लेकर विधानसभा और संसद तक में आरक्षण की मांग उठने लगी है।
उल्लेखनीय है कि, कश्यप समाज को प्रदेश भर में करीब एक दर्जन नामों अथवा उपजातियों में जाना जाता है, जिनमें धीवर ,कहार, महार, केवट, बिंद,भर,राजभर, मल्लाह,तुरहे, निषाद आदि प्रमुख हैं तथा प्रदेश के हर क्षेत्र में कम या अधिक संख्या में मौजूद हैं।
गांव जलालपुर में कश्यप समाज की बैठक में जहां सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए चर्चा हुई वहीं देश और प्रदेश की राजनीति से लेकर रोजगार तक में अपनी उपेक्षा पर आक्रोश व्यक्त किया गया। बैठक में कहा गया कि, रोजगार के क्षेत्र में ओबीसी में आरक्षण का लाभ कश्यप समाज को नाममात्र का ही मिल सका, जबकि संपन्न जातियों के कुछ पिछड़े वर्ग को राजनीति में महत्व दिए जाने से उन्हें हर क्षेत्र में आरक्षण का लाभ मिलता रहा है। शिक्षा सामाजिक एकता और राजनीतिक हिस्सेदारी को लेकर आयोजित जलालपुर की बैठक में मुख्य मुद्दा रोजगार से लेकर राजनीति में भी आरक्षण का रहा।
मुख्य अतिथि और समाजसेवी राहुल कश्यप ने कहा कि, यदि सरकारों द्वारा कश्यप जाति के लिए उच्च व व्यावसायिक शिक्षा में प्रवेश के लिए अलग से सुविधा तथा आरक्षण दिया गया होता ,तो समाज की दयनीय दशा नहींं होती। राजनीति में भी सभी पार्टियों ने उनकी जाति को वोट के लिए इस्तेमाल किया गया, किंतु कश्यप समाज को जनसंख्या के हिसाब से महत्व नहीं दिया गया। कहा कि, अब समय आ गया है हम सभी एकजुट हों तथा प्रदेश व देश के राजनीतिक दल ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक उनके लिए अलग से आरक्षण को वैधानिक रूप दिलाएं और रोजगार के क्षेत्र में भी इसकी व्यवस्था हो।
बैठक में सभी ने समाज को आगे बढ़ाने में राजनीतिक स्तर पर सम्मान दिलाने की मुहिम को प्रदेश में फैली अपनी उपजातियों को भी एकजुट होकर साथ आने का आह्वान किया गया। बैठक की अध्यक्षता इंद्रपाल कश्यप तथा संचालन यशपाल कश्यप द्वारा किया गया। लखमी कश्यप ग्राम प्रधान जलालपुर संजीव कुमार अग्रसेन कश्यप मंगल सेन कश्यप संजय कश्यप आदि ने भी जातीय उन्नति के लिए ओबीसी में जनसंख्या के आधार पर हर क्षेत्र में आरक्षण की मांग का समर्थन किया।