धर्मक्षेत्रे:- दिखावे का जीवन व्यक्ति का निकाल देता है दिवालिया: आचार्य विशुद्ध सागर

धर्मक्षेत्रे:- दिखावे का जीवन व्यक्ति का निकाल देता है दिवालिया: आचार्य विशुद्ध सागर

संवाददाता आशीष चंद्रमौली

बडौत।दिगम्बर जैनाचार्य श्री विशुद्धसागर ने नगर के श्री अजितनाथ दिगंबर जैन मन्दिर कमेटी द्वारा आयोजित धर्मसभा में कहा कि , ढंग का जीवन जियो, ढोंग मत करो। सहज सरल जीवन ही श्रेष्ठ जीवन है। दिखावे का जीवन व्यक्ति का दिवालिया निकाल देता है।

 जैन मुनि ने कहा कि,असहज व बनावटीपन अशांति को जन्म देता है, जबकि सहजतापूर्ण जीवन सुखद व आनन्दित होता है। वर्तमान में जागृतिपूर्ण जीवन ही भविष्य में श्रेष्ठ हो सकता है।कहा कि, प्रभु दर्शन व गुरु दर्शन से परिणाम विशुद्ध होते हैं, यह एक रासायनिक क्रिया है , क्योंकि भव्य-जीव जब भक्ति से भरकर आता है, तो गुरु प्रसन्नता पूर्वक शुभाशीष देते हैं। समझो!, भक्ति की शक्ति को समझो। भक्ति ही परम्परा से मुक्ति का साधन है। भक्ति ,पूर्व-संचित कर्मों का क्षय करने वाली है। 

उन्होंने कहा कि, कारण के बिना कार्य नहीं होता है। शत्रु में भी शत्रु मत देखो, शत्रु में भी भविष्य का भगवान् देखो। बीज में भी वृक्षत्व को निहारो। बूँद में सागर निहारो। आत्मा में परमात्मा को निहारो। दृष्ट्रि को विशाल करो। दृष्टि विशाल होगी, तो सृष्टि भी स्वच्छ, निर्मल और पवित्र दिखाई देगी।सभा में मुनिश्री सुव्रतसागर ने भी मंगल प्रवचन किया। धर्मसभा का संचालन पं श्रेयांस जैन ने किया। चित्र अनावरण ललित जैन पूर्व सभासद के परिवार की ओर से किया गया, दीप प्रज्वलन सुनील जैन, अतुल जैन, राकेश जैन द्वारा किया गया।पाद प्रक्षालन अनिल जैन मथुरा द्वारा किया गया।शास्त्र भेंट महिला मंडल द्वारा किया गया। 
    
सभा में सुभाष जैन, अशोक जैन, हंस कुमार जैन,वरदान जैन,प्रमोद जैन, मुकेश जैन, सुधीर जैन, अंकुर जैन, संजय जैन,विमल जैन, अनिल जैन,राकेश जैन, अतुल जैन,विनोद जैन एडवोकेट,सुनील जैन, अमित जैन आदि उपस्थित रहे।