राष्ट्रीय नवजात देखभाल सप्ताह (15 से 21 नवंबर) पर विशेष  नवजात को शीघ्र और केवल स्तनपान कराएं

राष्ट्रीय नवजात देखभाल सप्ताह (15 से 21 नवंबर) पर विशेष  नवजात को शीघ्र और केवल स्तनपान कराएं
नाल पर कुछ न लगाएँ
सात दिन बाद ही नवजात को नहलाएं 
 
रायबरेली।  बच्चे का पहला दिन  हर माँ-बाप और परिवार वालों के लिए बहुत ही खास होता है | बच्चे बहुत ही नाजुक और कोमल होते हैं | शुरूआत के कुछ महीने तो उन्हें विशेष देखभाल की जरूरत होती है |  शिशु तभी स्वस्थ रहेगा जब उसकी देखभाल सही तरीके से होगी | 
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा वीरेन्द्र सिंह   बताते हैं कि इसके लिए आवश्यक है कि उसे बाहरी संक्रमण से बचाया जाए क्योंकि शिशु को संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है | इसलिए पहले दिन से ही तीन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए |                                     डा वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि सबसे पहले नवजात को संक्रमण से बचाने के लिए जरूरी है कि उसे शीघ्र  स्तनपान कराएं |  नवजात को पीला गाढ़ा दूध जिसे कोलस्ट्रम या खीस कहते हैं उसे अवश्य दें | इसे बहुत से लोग खराब या बासी समझकर फेंक देते हैं पर बच्चे के लिए यह पहला टीका होता है | स्तनपान से पहले नवजात को चीनी या गुड़ का पानी, मिसरी का घोल शहद, बकरी का दूध या घुट्टी न दें | 
दूसरी बात बच्चे की नाल को साफ एवं सूखा रखें | नाल पर कुछ भी न लगायें क्योंकि कुछ भी लगाने से संक्रमण हो सकता है | नाल को अपने आप सूखकर गिरने दें | नाल पर हल्दी, घी, पाउडर और तेल कुछ भी न लगाएं | नाल में कोई भी फर्क दिखे  जैसे नाल से मवाद या खून निकले, बदबू आए या सूजन हो तो शिशु को तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं |  
डा वीरेन्द्र सिंह  बताते हैं कि तीसरी बात कि बच्चे को सात दिन तक नहलायेँ नहीं क्योंकि नवजात नौ माह बाद माँ के गर्भ से बाहर आता है उसे नए वातावरण में ढ़लने के लिए कुछ समय चाहिए | उसके शारीरिक तापमान में कोई कमी न आए | उसे गुनगुने पानी और साफ कपड़े से पोंछें | कम वजन के नवजात को तब तक न नहलाएं जब तक उसका वजन दो किलोग्राम न हो जाए | 
मन में कोई शंका हो तो आशा कार्यकर्ता, एएनएम व प्रशिक्षित डाक्टर से मिलें |