सहकर्मी के कमरे में संदिग्ध परिस्थितियों में फँदे पर लटकती मिली युवती

सहकर्मी के कमरे में संदिग्ध परिस्थितियों में फँदे पर लटकती मिली युवती

ब्यूरो महेंद्र राज शुक्ल

उन्नाव जनपद के अजगैन थाना क्षेत्र की निवासिनी युवती सपना सिंह उम्र (20 वर्ष)पुत्री अनमोल सिंह का शव बीते शुक्रवार को अपने वरिष्ठ सहकर्मी यजुवेंद्र सिंह के कमरे पर संदिग्ध परिस्थितियों में फाँसी के फंदे पर झूलता मिला है।घटना के बाद से यजुवेंद्र फ़रार है व उसका नंबर स्विच ऑफ जा रहा है।यजुवेंद्र सिंह सरोजनी नगर थान क्षेत्र के त्रिमूर्ति नगर इलाके में शानू खान के मकान मे किराऐ पर कमरा ले कर रहता है।मकान मालिक शानू खान के मुताबिक रात करीब आठ बजे यजुवेंद्र ने मकान मालिक को बताया कि सपना फोन नहीं उठा रही है।इस पर मकान मालिक यजुवेंद्र के कमरे पर पहुंचा तो दरवाजा अंदर से बंद मिला।आवाज लगाने पर कोई उत्तर न मिलने पर खिड़की से देखने पर सपना का शव फाँसी के फँदे पर लटकता हुआ मिला।पुलिस सूत्रों के मुताबिक मूल रूप से उन्नाव जनपद के अजगैन की मूल निवासिनी सपना उम्र लगभग (20 वर्ष)लखनऊ के सरोजनी थाना क्षेत्र के त्रिमूर्ति नगर मे ही किराए पर कमरा ले कर रह रही थी तथा लखनऊ की एक निजी आन लाइन व्यापार फर्म मे कार्यरत थी।घटना की शाम मृतका ने अपने साथ ही रहने वाली अपनी छोटी बहन को फोन कर काम अधिक होने के कारण़ घर पहुँचने मे देरी होने की सूचना दी और अपने बॉस यजुवेंद्र सिंह का मोबाइल नंबर देते हुऐ यह भी कहा था कि उसका फोन न लगने पर उसके वरिष्ठ सहकर्मी (बॉस) के नंबर पर फोन कर लेना।मामला जो भी हो बहरहाल पुलिस का मानना है कि युवती ने आत्म हत्या की है पर वजह स्पष्ट नहीं कि आत्म हत्या आखिर अपने वरिष्ठ सह कर्मी के कमरे पर ही क्यों?शव विच्छेदन आख्या भी पुलिस की अवधारणा के अनुशार मौत का कारण़ "हैंगिंग" ही प्रदर्षित कर रही।लेकिन घटना स्थल पर मौजूद साक्ष्य कुछ और ही कहानी बयाँ कर रहे है।साक्ष्यों के मुताबिक सपना ने फाँसी के फँदे तक पहुँचने के लिऐ कँबल को मोड़कर तकिया बना सहारा लिया जो कि शरीर के बेबस हो जाने के बाद पैरों के नीचे से स्वयं हटाना लगभग असंभव है।घटना को यदि आत्महत्या मान भी लिया जाऐ तो यजुवेंद्र सिंह फ़रार क्यों?आखिर कैसे पहुँची कमरे की चाबी सपना के पास?क्या कमरे की तीन चाबियाँ थीं?जो शानू खान (मकान मालिक),यजुवेंद्र सिंह व सपना के पास रहतीं थीं।आखिर क्यों सपना ने आत्महत्या के लिए अपना घर न चुनकर यजुवेंद्र का कमरा ही चुना?