राजस्व एवं भू माफियाओं के गठजोड़ से शत्रु संपत्ति को बेचा
अवैध रूप से कॉलोनी को काट कर करोड़ों के किए वारे न्यारे
राजस्व एवं भू माफियाओं के गठजोड़ से शत्रु संपत्ति को बेचा
निजी संवाददाता देवेन्द्र फौजी
- अवैध रूप से कॉलोनी को काट कर करोड़ों के किए वारे न्यारे
- जांच के बावजूद भी नहीं हुई कार्रवाई
थानाभवन- राजस्व एवं भू माफिया के गठजोड़ के चलते करोड़ों रुपए की शत्रु संपत्ति को अवैध रूप से कॉलोनी काटकर बेचने का मामला प्रकाश में आया है। 40 वर्ष पूर्व पाकिस्तान में चले गए व्यक्ति के नाम राजस्व विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर विरासत दर्ज कर दी। शिकायत के बाद जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अभी भी मामला मात्र कागजी खाना पूर्ति में अटका है।
शामली जनपद के थानाभवन निवासी मंजू सिंह नाम के आरटीआई कार्यकर्ता ने दिल्ली सहारनपुर नेशनल हाईवे मार्ग पर बिजली घर के बराबर में काटी जा रही अवैध रूप से कॉलोनी को लेकर शिकायत की गई थी। शिकायत के माध्यम से बताया गया कि कस्बा निवासी शब्बीर,अतीक, मतलूब, नकुल हसन, एवं सगीर पुत्र गण यासीन की बिजली घर के बराबर में जमीन मौजूद है। जिसमें से यासीन का पुत्र सगीर लगभग 40 वर्ष पूर्व पाकिस्तान में चला गया था। जिसने पाकिस्तान में ही वहां की नागरिकता भी हासिल कर ली है, लेकिन वर्तमान में भूमि की कीमत प्लाटिंग में आने के कारण करोड़ों रुपए की होने के चलते भू माफियाओं से सांठगांठ करके राजस्व विभाग ने सगीर के नाम की विरासत खतौनी में दर्ज कर दी। जबकि पाकिस्तान चले गए किसी भी व्यक्ति की भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया जाता है। शिकायत के बाद हल्का लेखपाल ने भी जांच में बताया कि सगीर लगभग 40 वर्ष पूर्व पाकिस्तान चला गया था। वह साल 2007 में एक बार हिंदुस्तान भी आया था। शत्रु संपत्ति की शिकायत को लेकर हल्का लेखपाल ने जांच उच्च अधिकारियों को सौंपी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अभी तक भी मामला तो कागजी खाना पूर्ति तक ही नजर आ रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत के बाद मामले का खुलासा तो जरूर हुआ लेकिन माफियाओं से सांठगांठ कर यासीन के अन्य पुत्रों ने जमीन को अवैध रूप से बेच दिया है। वही इस काटी जा रही कॉलोनी में बड़ी संख्या में सरकारी भूमि भी मौजूद हैं। जिसके एक हिस्से पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध रूप से बेचे जाने के बाद नगर पंचायत में अवैध निर्माण को बुलडोजर से गिरा दिया था। लेकिन सरकारी भूमि को भू माफियाओं के द्वारा शत्रु संपत्ति को बेच कर लगातार करोड़ों रुपए की कमाई का खेल अभी भी जारी है। मात्र मामला इसी कॉलोनी का ही नहीं है बल्कि एक अन्य कॉलोनी में भी सगीर के नाम की भूमि को शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज करने के बजाए उसमें सगीर का नाम दर्ज किया गया।
सरकारी भूमि एवं शत्रु संपत्ति को बेचने का खेल जारी
योगी सरकार भले ही शत्रु संपत्ति एवं भू माफियाओं पर लगाम कसने के दावे करती हो कड़े आदेशों के बावजूद भी शामली जनपद में अधिकारियों की लापरवाही एवं राजस्व और भू माफियाओं के गठजोड़ से थानाभवन क्षेत्र में बड़ी संख्या में शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जे हैं और सरकारी भूमियों को भी लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर बेच डाला है। कई बार मात्र छोटी मोटी कार्रवाई तो हुई लेकिन अभी तक भी भू माफिया के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। ज्यादातर मामलों में नोटिस देकर ही इतिश्री कर ली दी गई है। जो भू माफिया एवं राजस्व विभाग के गठजोड़ की ओर बड़ा इशारा करता है। चर्चाओं के अनुसार भू माफिया लंबे समय से क्षेत्र में ऐसी जगहों पर कॉलोनी काटते हैं जिस जगह के आसपास सरकारी एवं शत्रु संपत्ति आदि बड़ी मात्रा में मौजूद होती है और भोली भाली जनता को मोटे दाम पर बेचकर अपनी जेब गर्म कर रहे हैं।