चित्रकूट-विश्व शांति का संदेश देती है 84 कोसीय परिक्रमा यात्रा - डा.बीके जैन।

चित्रकूट: चित्रकूट स्थित श्री रघुवीर मन्दिर ट्रस्ट (बड़ी गुफा) से प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 11 दिवसीय चित्रकूट धाम की चैरासी कोसीय परिक्रमा यात्रा का शुभारंभ किया गया। परिक्रमा में शामिल होने के लिए प्रतिवर्ष देश के विभिन्न प्रान्तों से साधु, संत, महन्त एवं श्रद्धालु भक्त आते हैं और बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। परिक्रमा प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से प्रारंभ होकर द्वादशी तक चलती है। इस वर्ष हजारों की संख्या में यात्री इस परिक्रमा में शामिल हो रहे हैं जो पैदल चलकर भगवान राम की विहार स्थली श्री चित्रकूट धाम के चारो ओर कुल 84 कोस की यात्रा कर वापस रघुवीर मन्दिर आयेंगे। परिक्रमा रघुवीर मन्दिर से चित्रकूट के संतों एवं श्री रघुवीर मन्दिर ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं द्वारा विधि-विधान से पूजन अर्चन करने के बाद प्रारम्भ किया गया। परिक्रमा यात्रा में शामिल साधू संतों को यात्रा के लिए रवाना करने से पहले ट्रस्ट के ट्रस्टी डाॅ बी के जैन, सदगुरू महिला समिति की अध्यक्षा ऊषा जैन एवं राजस्थान से आए गुरु भाई-बहन प्रमोद, महेश, सविता, मधु एवं आर बी सिंह चैहान, चंद्रशेखर त्रिपाठी ने सभी साधु संतो को हल्दी चन्दन का टीका कर स्वागत कर उनका आशीर्वाद लिया। सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ वी के जैन ने बताया कि यात्रा की शुरुआत लगभग सौ वर्ष पूर्व गुरुदेव श्री रणछोर दास महाराज द्वारा की गई थी। तब से लेकर आज तक अनवरत यात्रा जारी है। यात्रा में साधू संत भगवान श्री राम के वनवास काल चित्रकूट धाम स्थित प्रमुख तीर्थ स्थलों की ग्यारह दिवसीय परिक्रमा करते हैं और गांवों में निवास करते हुए राम राज्य, राम लला, विश्व शांति की बात करते हुए सर्वे भवन्तु सुखिन, सर्वे संतु निरामय, सर्वे भद्राणि पश्यंतु, मा कश्चिद दुख भागभवेत का संदेश देते हैं। परिक्रमा रघुवीर मन्दिर से स्फटिक शिला, टाठी घाट, सती अनुसूइया आश्रम, गुप्त गोदावरी, मड़फा पहाड़, भरतकूप, कर्वी, गणेश बाग, कोटतीर्थ देवांगना, हनुमान धारा, रामघाट होते हुए पुनः रघुवीर मन्दिर में पहुंचकर समाप्त होती है।