चित्रकूट: देवताओं की प्रिय भूमि पर श्रीराम कथा में माधवी ने किया चित्रकूट की महिमा का बखान।
चित्रकूट ब्यूरो: जिला मुख्यालय के शंकर बाजार स्थित गुप्ता मैरिज हॉल में चल रही श्रीराम कथा के चौथे दिन रविवार को कथा व्यास माधवी ने पवित्र तीर्थस्थल चित्रकूट की महिमा का अद्भुत वर्णन किया। उन्होंने श्रद्धालुओं को बताया कि यह भूमि इतनी पवित्र है कि यहां जन्म लेने के लिए स्वयं देवता भी आतुर रहते हैं।
माधवी ने कथा के दौरान कहा, "चित्रकूट वह धरती है जहां त्रिदेव बालक बनकर निवास कर चुके हैं। यही वह स्थान है, जहां नर से नारायण और हरि से हर का मिलन हुआ। प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास के 12 से अधिक वर्षों को माता जानकी और लक्ष्मण संग यहीं बिताया। चित्रकूट का कण-कण पावन है, और यहां के धूलि-कण तक में भक्ति का वास है।"
चित्रकूट: धर्म और प्रेम का प्रतीक
माधवी ने बताया कि जब पवित्र प्रयाग भी पापों से कलुषित हो जाता है, तो देवता मंदाकिनी में स्नान करने के लिए चित्रकूट आते हैं। यहां का भरत मिलाप भाईचारे और प्रेम का अद्भुत प्रतीक है। समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले कामतानाथ भगवान की उपस्थिति से यह स्थान और भी दिव्य हो जाता है।
श्रोताओं को झूमने पर किया मजबूर
कथा के दौरान माधवी ने जीवन के सत्कर्मों पर जोर दिया और कहा, "मनुष्य जीवन दुर्लभ है। इसे सत्कर्म में लगाकर ही इसका उद्देश्य पूरा किया जा सकता है। कथा सुनने से न केवल व्यथा का निवारण होता है, बल्कि यह जीवन जीने की कला भी सिखाती है।" उनके भक्तिपूर्ण भजनों ने श्रोताओं को झूमने और नाचने पर विवश कर दिया।
संतों और भक्तों की उपस्थिति से पवित्र हुआ आयोजन
श्रीराम कथा में आचार्य नवलेश दीक्षित, महंत दिव्यजीवनदास सहित कई संतों और तीर्थनगरी के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कथा का समापन आरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ।
इस अवसर पर पायनियर्स क्लब के केशव शिवहरे, बुंदेली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह, दीनदयाल पहारिया, शिवदयाल पहारिया, पिक्कू जायसवाल सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
चित्रकूट: तप और साधना की स्थली
माधवी ने कहा कि यह भूमि अनादिकाल से ऋषि-मुनियों की तपस्थली रही है। आज भी गुफाओं और कंदराओं में राम नाम की गूंज सुनाई देती है। चित्रकूट का हर कण श्रद्धालुओं को अध्यात्म और भक्ति का संदेश देता है।
इस आयोजन ने श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद से भर दिया और चित्रकूट की आध्यात्मिक गरिमा को फिर से उजागर किया।