श्री शिवमहापुराण कथा का भव्य समापन: मानवता और धर्म का अद्वितीय संगम

श्री शिवमहापुराण कथा का भव्य समापन: मानवता और धर्म का अद्वितीय संगम

चित्रकूट, कर्वी। श्री परमानंदेश्वर परम धाम महादेव मंदिर में 9 दिवसीय श्री शिवमहापुराण कथा का आज हर्षोल्लास के साथ समापन हुआ। इस आयोजन में भक्तों ने न केवल धार्मिक ज्ञान का अमृतपान किया, बल्कि मानवता के गहन संदेश को भी आत्मसात किया। राजस्थान के अलवर से पधारे राष्ट्रीय संत श्री कमलदास जी बापू ने अपनी ओजस्वी वाणी से शिवमहापुराण का महत्व उजागर किया और समाज में प्रेम, सहयोग और एकता के आदर्श स्थापित किए।

प्रेरक प्रसंग ने छोड़ी अमिट छाप

समापन के अवसर पर स्वामी कमलदास जी बापू ने एक प्रेरणादायक कहानी सुनाई, जिसने सभी को गहराई से प्रभावित किया। कहानी एक रेलवे स्टेशन पर जूते पॉलिश करने वाले बच्चों की थी, जिनकी आपसी एकता और सहयोग ने मानवता की मिसाल कायम की।

बापू ने बताया कि एक दुर्घटना में घायल हुए लड़के के प्रति उसके साथियों ने न केवल सहानुभूति दिखाई, बल्कि अपने दैनिक आय का हिस्सा उसे समर्पित करने का प्रण लिया। इस प्रेरक प्रसंग ने यह सिद्ध कर दिया कि जब तक प्रेम, त्याग और एकता का भाव है, तब तक मानवता जीवित रहेगी।

भक्तों की उमड़ी भीड़

कथा के नवें और अंतिम दिन मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा। मुख्य यजमान श्री अनुसुइया प्रसाद यादव और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पूनम यादव ने विधिवत पूजा-अर्चना कर कथा का समापन किया। मंदिर के महंत विद्यानंद जी महाराज और बड़ी संख्या में उपस्थित माताओं-बहनों ने इस पावन अवसर को भव्यता प्रदान की।

हवन और कन्या भोज का आयोजन आज

श्रद्धालुओं के लिए हवन और कन्या भोज का आयोजन कल, 25 जनवरी को प्रातः 11:15 बजे किया जाएगा। आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं से बढ़-चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया है।

समाज को मिली नई दिशा

9 दिवसीय इस कथा ने शिवमहापुराण के दिव्य संदेशों के साथ-साथ समाज में एकता, सहयोग और मानवता के भाव को जाग्रत किया। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक बन गया।

महाकुंभ के तहत ऐतिहासिक आयोजन

महाकुंभ के पवित्र अवसर पर आयोजित यह कथा श्रद्धालुओं के लिए एक अनमोल आध्यात्मिक यात्रा साबित हुई। भक्तों ने शिवमहापुराण के संदेशों को आत्मसात कर अपने जीवन को धन्य किया और धर्म व मानवता की अनमोल शिक्षा प्राप्त की।

नोट: श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे हवन और कन्या भोज में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करें।