शिक्षक संघ के सतत् प्रयास का परिणाम : एक अरब रुपये में से मेरठ ने जनपद बागपत को दिया 60 करोड़

••पहले 8 करोड़ स्वीकार कर बागपत के हक को नकारा जा रहा था

शिक्षक संघ के सतत् प्रयास का परिणाम : एक अरब रुपये में से मेरठ ने जनपद बागपत को दिया 60 करोड़

ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक

बड़ौत।उप्र माशि संघ के संरक्षक मण्डल के प्रदेशीय सदस्य स्वराज पाल दुहूण ने बताया कि ,संगठन की कडाई रंग लाई तथा एक अरब तीन करोड़ की राशि में से मात्र 8 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करने वाले मेरठ जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बैकफुट पर आते हुए 60 करोड़ रुपए की राशि जनपद बागपत के लिए स्वीकृत करनी पड़ी।


बता दें कि, जब जनपद बागपत, मेरठ जनपद से अलग हुआ था तभी से जनपद के शिक्षकों, शिक्षिकाओं तथा कर्मचारियों की जीपीएफ की एक अरब तीन करोड़ पांच लाख छियानवे हज़ार तीन सौ तीन रुपये की राशि मेरठ जनपद के कोषागार में ही पड़ी थी, जिसे जनपद बागपत में ट्रांसफर नहींं किया गया था, जिसके कारण इस जनपद के शिक्षकों, शिक्षिकाओं और कर्मचारियों को जीपीएफ से राशि प्राप्त करने के लाले पड़ गए थे। न तो सेवानिवृत शिक्षक शिक्षिकाओं तथा कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर उनका जीपीएफ का भुगतान हो पा रहा था और न ही किसी को शादी विवाह अथवा बीमारी आदि में जीपीएफ से ऋण ही मिल पा रहा था।

उप्र माशिसंघ जनपद बागपत के निरंतर कठोर संघर्ष के फलस्वरूप इस राशि को मेरठ से स्थानांतरित किए जाने की कार्रवाई प्रारंभ हो पाई।इस पर भी पहले तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मात्र 8 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत कर जनपद बागपत के शिक्षकों को पुनः भटकाने का प्रयास किया। किन्तु संगठन के कड़े रुख के कारण 8 करोड़ रुपए का निर्णय 60 करोड़ रुपए में बदलने को विवश होना पड़ा। जिससे जनपद बागपत के शिक्षकों को 60 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हो पाई।

शिक्षक नेता स्वराजपाल दुहूण ने बताया कि, अब भी शेष 43 करोड़ रुपए की राशि के लिए संघर्ष जारी है, उसे भी यथा शीघ्र प्राप्त किया जाएगा।