सरकार के इरादों ,योजनाओं के क्रियान्यवन में सक्रिय योगदान तथा जीरो टॉलरेंस कार्यशैली के चलते जिलाधिकारी से कुछ राजनीतिज्ञों में असंतोष
ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक
बागपत। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति, सरकारी योजनाओं के बिना देरी के क्रियान्यवन, शिकायतों व फाइलों के ससमय निस्तारण के साथ ही निर्माणाधीन परियोजनाओं में गुणवत्ता की परख और जांच कराए जाने जैसे निर्णयों व कार्यशैली से जहां जितेंद्र प्रताप सिंह जिलाधिकारी के रूप में जनपदवासियों के चहेते अधिकारी के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं ,वहीं सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के लोगों द्वारा उनसे दूरी या नाराजगी उभर कर सामने आ रही है।
वर्तमान जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा कार्यभार ग्रहण करने के बाद से शायद ही कोई दिन ऐसा गया हो, जिसमें औचक निरीक्षण, मीटिंग में संबंधित अधिकारियों की अनभिज्ञता पर फटकार या दिशा निर्देश न दिए गए हों। जनपद के किसी भी शहर या गांव में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने पर, सिर्फ वहीं तक सीमित न रहकर आसपास के गांवों या क्षेत्र में प्रचलित स्कूलों, दफ्तरों तथा निर्माण कार्यों का औचक निरीक्षण वर्तमान जिलाधिकारी की कार्यशैली का एक प्रशंसनीय अध्याय बन चुका है , जिसके चलते लेटलतीफी, लापरवाही और अनावश्यक तरीके से लोगों के चक्कर लगवाने जैसी परंपरा पर भी बहुत हद तक अंकुश लगा है।
जानकर लोगों का तो यहां तक कहना है कि, वर्तमान जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की कार्यशैली पूर्व के जिलाधिकारियों के मुकाबले काफी भिन्न और बेहतर है, जिसमें भ्रष्टाचार , लापरवाही व लेटलतीफी पर जीरो टॉलरेंस है तथा यही कारण है कि, सत्तारूढ़ दल के कुछ नेताओं की आवाजाही ( आवागमन) पहले से बहुत कम हो गया है। हाँ, यह बात अलग है कि, जनपद में विकास योजनाओं के क्रियान्यवन में तेजी व गुणात्मक सुधार, कार्यालयों में उपस्थिति, समस्याओं के निस्तारण में देरी पर अधिकारियों से जवाब तलबी, निलंबन, फटकार, बिना सूचना के गैरहाजिरी पर वेतन रोके जाने संबंधी आदेशों व निर्देशों से जन आकांक्षाओं व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन संकल्प को चरितार्थ कराने वाले जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह से कुछ राजनीतिज्ञों का असंतोष उभरकर सामने आने लगा है।